पंजाब कांग्रेस का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले दिनों दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच बैठक के बाद माना जा रहा था कि पंजाब कांग्रेस की अंदरुनी कलह खत्म हो गई है. इसके बाद सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस पद से इस्तीफा वापस लेने के संकेत दिए थे, लेकिन सिद्धू ने सोनिया गांधी को खुली चिट्ठी लिखकर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है. नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने की पंजाब के सीएम चरणजीत चन्नी ने आखिरी प्रयास किया है. हालांकि, अभी तक ये नहीं पता है कि सिद्धू माने या नहीं.
चंडीगढ़ में स्थित पंजाब गवर्नर हाउस के गेस्ट हाउस में सीएम चरणजीत चन्नी, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस मीटिंग में कैबिनेट मंत्री परगट सिंह भी मौजूद रहे. आपको बता दें कि सिद्धू ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर न सिर्फ चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाए जाने पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि पंजाब सरकार को 13 मुद्दों पर काम करने की नसीहत भी दे दी है.
खत्म होने का नाम नहीं ले रहा पंजाब का सियापा
जाहिर है सिद्धू की यह चिट्ठी पंजाब के सियापा को खत्म करने के बजाय और उभारने का काम करेगी. साथ ही यह भी जाहिर है कि सिद्धू की नाराजगी कम नहीं हुई है और वह पंजाब में संकट खड़ा करते रहेंगे. सोनिया को खुली चिट्ठी में सिद्धू ने अनुरोध किया है कि वह सरकार को 13 मुद्दों पर काम करने का निर्देश दें. साथ ही सिद्धू ने इन मुद्दों पर चर्चा के लिए सोनिया गांधी से मिलने का समय भी मांगा है. सिद्धू ने चिट्ठी में खुद को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बताते हुए कहा कि उनके पास सरकार पर नजर रखने की जिम्मेदारी है.
चन्नी की नियुक्ति पर सवाल
गौरतलब है कि सिद्धू भले ही यह कहते आए हों कि उन्हें सीएम पद का लालच नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री न बनाए जाने की टीस गाहे-बगाहे वह बयान करते ही रहे हैं. सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर सिद्धू ने कहा है कि पंजाब में एक दलित को सीएम बनाया गया लेकिन राज्य भर के दलित समाज को समान प्रतिनिधित्व नहीं मिला. सिद्धू ने सोनिया से मांग की है कि चन्नी कैबिनेट में मजहबी सिख समाज से एक, पिछड़े समाज से दो और दोआबा इलाके से मंत्री बनाने चाहिए. बता दें कि पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी रामदसिया सिख हैं.
Source : News Nation Bureau