Advertisment

हरीश रावत के दौरे से पहले पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी फिर चरम पर

यह अलग बात है कि पंजाब के दौरे से पहले नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे ने रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Harish Rawat

थमती नहीं दिख रही अमरिंदर सिंह औऱ नवजोत सिंह सिद्धू की रार.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

कांग्रेस महासचिव हरीश रावत पंजाब कांग्रेस में दो गुटों के बीच तनाव कम करने के लिए दौरे पर जाने वाले हैं. यह अलग बात है कि पंजाब के दौरे से पहले नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे ने रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसके साथ ही कैप्टन अमरिंदर पर उनके बयान को चुनौती दी है. पंजाब कांग्रेस महासचिव परगट सिंह ने एक बयान में एक चुनौती पेश की थी कि हरीश रावत को यह बताना चाहिए कि यह कब तय हुआ कि पंजाब के चुनाव मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लड़े जाएंगे. परगट सिंह ने कहा, चुनाव सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. जाहिर है नवजोत सिंह के करीबी होने के नाते माना जा रहा है कि इसके पीछे सिद्धू का ही हाथ है. इसके पहले पंजाब कांग्रेस के प्रमुख सिद्धू के दो सलाहकार पार्टी के लिए खासी परेशानी खड़ी कर चुके हैं. 

हरीश रावत ने शनिवार को राहुल गांधी से मुलाकात की थी और उन्हें नवजोत सिंह सिद्धू के बयान के बाद वहां के हालात से अवगत कराया था. रावत का एक-दो दिन में पंजाब का दौरा करने का कार्यक्रम है और वह मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से बात करेंगे और दोनों नेताओं के बीच मतभेदों से उत्पन्न मुद्दों को सुलझाएंगे. रावत ने शुक्रवार को अंतरिम राष्ट्रपति सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और उन्हें राज्य के हालात से अवगत कराया था. बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, पंजाब की स्थिति नियंत्रण में है. मैंने उन्हें राज्य की स्थिति से अवगत कराया है.

सिद्धू ने पिछले हफ्ते अमृतसर में एक पार्टी समारोह में कहा था, अगर उन्हें अपनी आशा और विश्वास की नीति के अनुसार काम करने की अनुमति दी जाती है, तो वह राज्य में 20 साल तक कांग्रेस का शासन सुनिश्चित करेंगे. सिद्धू ने कहा, लेकिन अगर आप मुझे निर्णय नहीं लेने देंगे, तो यह पार्टी के लिए विनाशकारी होगा. शो-पीस बनने का कोई मतलब नहीं है. पंजाब मॉडल के बारे में बोलते हुए, सिद्धू ने कहा, पंजाब मॉडल का मतलब है कि लोग, व्यापार, उद्योग और बिजली के लिए नीतियां बनाना.

यह बैठक कुछ विद्रोही विधायकों द्वारा सोनिया गांधी से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को हटाने के लिए दबाव बनाने के लिए समय मांगने के मद्देनजर हुई. रावत को पंजाब में दोनों पक्षों को संतुलित करने के लिए एक कठिन काम का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि सिद्धू और अमरिंदर सिंह आमने-सामने हैं. इस बीच अमरिंदर सिंह के विश्वासपात्र और कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने गुरुवार को अपने आवास पर रात्रिभोज का आयोजन किया. रात्रिभोज में कुल 58 विधायक और आठ सांसद शामिल हुए और उन्होंने विश्वास जताया कि पार्टी अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में 2022 का चुनाव जीतेगी. सोढ़ी ने ट्वीट कर जानकारी दी, आज यात्रा शुरू हो गई है.

HIGHLIGHTS

  • पंजाब कांग्रेस में कैप्टन और सिद्धू खेमे में बढ़ती ही जा रही तकरार
  • अमरिंदर के नेतृत्व पर सवाल उठा फिर रार बढ़ाई सिद्धू खेमे ने
  • अब दोनों खेमों में सुलह की आस लेकर जा रहे हैं हरीश रावत
congress नवजोत सिंह सिद्धू navjot-singh-sidhu punjab पंजाब कांग्रेस कैप्टन अमरिंदर सिंह Internal Conflicts Captain Amrinder Singh आंतरिक मतभेद
Advertisment
Advertisment
Advertisment