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सिद्धू पर कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ का बयान- राजनीति कोई ​क्रिकेट का मैच नहीं

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद से नवजोत सिंह​ सिद्धू के इस्तीफे ने राजनीति में घमासान मचा दिया है. इसके साथ ही पंजाब कांग्रेस में नेताओं के इस्तीफों का सिलसिला भी चल निकला है. अब तक रजिया सुल्ताना समेत पांच बड़े नेताओं ने अपना इस्तीफा दे दिया है.

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Mohit Sharma
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Sunil Jakhar

Sunil Jakhar( Photo Credit : ANI)

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पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद से नवजोत सिंह​ सिद्धू के इस्तीफे ने राजनीति में घमासान मचा दिया है. इसके साथ ही पंजाब कांग्रेस में नेताओं के इस्तीफों का सिलसिला भी चल निकला है. अब तक रजिया सुल्ताना समेत पांच बड़े नेताओं ने अपना इस्तीफा दे दिया है. ये सभी नेता सिद्धू के करीबी मानें जाते हैं. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ का बड़ा बयान आया है. उन्होंने सिद्धू के इस्तीफे को गलत ठहराया है. ​सुनील जाखड़ ने कहा कि राजनीति कोई क्रिकेट का मैच नहीं है. सिद्धू ने हाईकमान का भरोसा तोड़ा है. सुनील जाखड़ ने कहा कि सिद्धू का कदम किसी भी स्थिति में जायज नहीं ठहराया जा सकता है. 

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आपको बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल के पहले विस्तार, विभागों के आवंटन और महाधिवक्ता सहित महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियों से नाखुश, राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वह इस पद पर मात्र 71 दिन रहे। उनके इस फैसले ने राज्य कांग्रेस को फिर से गहरे संकट में डाल दिया है, हालांकि सिद्धू ने कहा कि वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे. चन्नी ने अपने कैबिनेट सहयोगियों को विभागों के आवंटन की घोषणा की और एक घंटे से भी कम समय में सिद्धू ने अपने ट्विटर हैंडल पर अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी.

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पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में, सिद्धू ने लिखा, "एक आदमी के चरित्र का पतन समझौता कर लेने से होता है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे से कभी समझौता नहीं कर सकता. इसलिए, मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस की सेवा करना जारी रखूंगा." पता चला है कि सिद्धू अपनी पसंद के विधायकों को विस्तारित मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने और नए महाधिवक्ता ए.पी.एस. देओल की नियुक्ति से नाराज हैं. जब शिअद-भाजपा गठबंधन सत्ता में था, उस समय देओल पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी के वकील थे, जिनकी 2015 में दो सिख प्रदर्शनकारियों की हत्या में उनकी कथित भूमिका की जांच चल रही है.

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