अमरिंदर सिंह के उत्तराधिकारी को लेकर बनी उत्सुकता रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पंजाब के अगले मुख्यमंत्री के रूप में दलित कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नाम को मंजूरी दिए जाने के साथ समाप्त हो गई। चन्नी, जो अमरिंदर सिंह के कैबिनेट में तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री थे, काफी समय से मुख्यमंत्री के कटु आलोचक हो गए थे। उनकी नियुक्ति की घोषणा पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने ट्विटर पर की। रावत ने कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि श्री चरणजीत सिंह चन्नी को सर्वसम्मति से पंजाब के कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया है। पता चला है कि कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नवनियुक्त नेता राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात कर नई सरकार बनाने का दावा पेश कर रहे हैं। 48 वर्षीय चन्नी प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली अकाली-भाजपा सरकार के दौरान पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं।
पंजाब के निवर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को राज्य के अगले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को बधाई दी। अमरिंदर सिंह ने एक ट्वीट में कहा, चरणजीत सिंह चन्नी को मेरी शुभकामनाएं। मुझे उम्मीद है कि वह पंजाब के सीमावर्ती राज्य को सुरक्षित रखने और सीमा पार से बढ़ते सुरक्षा खतरे से हमारे लोगों की रक्षा करने में सक्षम हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरिंदर सिंह ने महीनों की राजनीतिक खींचतान के बाद शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि उन्होंने 'अपमानित' महसूस करते हुए पद छोड़ दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि ''भविष्य की राजनीति का विकल्प हमेशा होता है और मैं उस विकल्प का इस्तेमाल करूंगा।'' अमरिंदर सिंह ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को भी एक 'आपदा' करार दिया है और कहा है कि उन्हें सिद्धू अपने उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार्य नहीं होंगे।
कई घंटों तक चले उठापटक और मंथन के कई दौर के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब की राजनीति के हिसाब से एक बड़ा फैसला करते हुए एक सिख दलित (चरणजीत सिंह चन्नी) को पंजाब का अगला मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान कर दिया। साफ जाहिर है कि पंजाब के दलित मतदाताओं को लुभाने के लिए यह फैसला किया गया है। हालांकि भाजपा ने कांग्रेस के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सिर्फ कुछ महीनों के लिए एक दलित को सीएम बनाने से प्रदेश के दलित समुदाय को कोई लाभ नहीं होगा। इसके साथ ही भाजपा यह दावा भी कर रही है कि पंजाब का दलित काम की वजह से मोदी का साथ देगा।