पंजाब में इस समय विभिन्न समुदायों को रिझाने का सिलसिला चल पड़ा है. किसानों, युवाओं के बाद अब दलित समाज को रिझाने के लिए राजनीतिक दल संत रविदास जयंती के उपलक्ष्य में 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने पहले यह मांग की. अब बीजेपी भी गुरु रविदास जयंती (Guru Ravidas Jayanti) को देखते हुए चुनाव आयोग से 16 फरवरी को होने वाले पंजाब चुनावों को स्थगित करने की मांग की है.
बीजेपी के राज्य महासचिव सुभाष शर्मा ने चुनाव आयोग लिखी चिट्ठी में कहा है कि पंजाब में 14 फरवरी को चुनाव होने हैं, जबकि 16 फरवरी को रविदास जयंती है. पंजाब में गुरु रविदास के अनुयायियों की संख्या काफी बड़ी है, जिसमें राज्य की अनुसूचित जाति के लोग भी शामिल है, जिनकी आबादी 32 फीसदी है. उन्होंने कहा कि गुरु रविदास की जयंती को बनाने के लिए लाखों श्रद्धालु उनके निवास स्थान वाराणसी जाएंगे, जिसकी वजह से वो वोट नहीं डाल पाएंगे. इसलिए चुनावों को स्थगित किया जाना चाहिए.
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सीएम चन्नी ने भी लिखी थी चुनाव आयोग को चिट्ठी बीजेपी की मांग से महज एक दिन पहले ही सीएम चन्नी ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर कहा था कि गुरु रविदास की जयंती पर राज्य के भारी संख्या में श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के वाराणसी जाएंगे, जिसकी वजह से वह अपना वोट नहीं डाल सकेंगे, इसलिए चुनावों की तारीख एक सप्ताह आगे बढ़ाई जाए.
चुनाव आयोग को लिखे खत में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा था कि 10 फरवरी से 16 फरवरी के बीच 20 लाख श्रद्धालुओं के वाराणसी जाने की संभावना है. जब श्रद्धालु वाराणसी जाएंगे तो पंजाब में वोट नहीं कर पाएंगे, जिससे वोट प्रतिशत प्रभावित होगा. सीएम चन्नी ने कहा था कि लगभग 20 लाख लोग गुरु रविदास की जयंती पर वाराणसी जाते हैं. कांग्रेस ने भी किया सीएम और बीजेपी का समर्थन पंजाब लोक कांग्रेस ने 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती के मद्देनजर पंजाब में चुनाव एक सप्ताह के लिए स्थगित करने की मांग का समर्थन किया है.