पंजाब पुलिस ने बुधवार को फरीदकोट के डीएसपी (DSP) लखवीर सिंह को तरनतारन में एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर में ड्रग सप्लायर को नामजद न करने के बदले रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है. पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी. डीजीपी के अनुसार, जब तरनतारन जिला के पुलिस ने रविवार को पट्टी मोड़ के निकट एक पेट्रोल पंप से ड्रग स्लायर पिशोरा सिंह को 250 ग्राम अफीम और 1 लाख रुपये की ड्रग मनी समेत गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि तरनतारन के गांव मॉडल बोपाराए निवासी पिशौरा 30 जून को 2022 की एफआईआर में वांछित था, जिसमें तरनतारन के गांव मेघा निवासी सुरजीत सिंह को 900 ग्राम अफीम समेत गिरफ्तार किया था.
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डीजीपी गौरव ने बताया कि तरनतारन पुलिस की तरफ से गई जांच के दौरान सुरजित सिंह ने खुलासा किया कि उसने नशे का मुख्य स्लायर पिशौरी सिंह से अफीम खरीदी थी.
सीआईए इंचार्ज से साधा संपर्क
डीजीपी (DGP) ने बताया कि जब पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए छापे मारने शुरू किया तो पिशौरा ने एमएचसी सीआईए (CIA) पट्टी के तौर पर तैनात एएसआई (ASI) रशपाल सिंह के जरिए पट्टी के सीआईए इंचार्ज को इस केस में नामजद ना करने और गिरफ्तारी न करने के एवज में 7-8 रुपये रिश्वत देने की कोशिश की. लेकिन इंचार्ज ने इंचार्ज ने रिश्वत लेने से इंकार कर दिया.
चचेरे भाई की मदद से डीएसपी से किया सौदा
डीजीपी ने बताया कि पिशौरा सिंह ने अपने परिचित निशान सिंह के जरिए रशपाल सिंह के चचेरे भाई हीरा सिंह से मुलाकात की. दोनों ने मिलकर डीएसपी लखवीर सिंह, जो हीरा सिंह के चचेरे भाई हैं, उनके पास पहुंचे. वहां लखवीर सिंह ने ड्रग सप्लायर की मदद करने के लिए 10 लाख में सौदा तय किया और रकम को हीरा सिंह को अपने पास रखने के लिए कहा.
पुलिस ने पिशौरा सिंह के खुलासे पर हीरा सिंह के घर से 9.7 लाख रुपये भी बरामद की है. एसएसपी तरनतारन रणजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि पुलिस एएसआई रशपाल सिंह, हीरा सिंह और निशान सिंह को भी एफआईआर में नामजद किया गया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
HIGHLIGHTS
- फरीदकोट के DSP रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार
- पंजाब के DGP गौरव यादव इस बात की दी जानकारी