पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के नेता सुखबीर सिंह बादल ( SAD president Sukhbir Singh Badal ) को किसानों का गुस्सा झेलना पड़ा है. गुस्साए किसानों ने बुधवार को फिरोजपुर के जीरा में सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ जमकर प्रदर्शन ( Farmers protest ) किया. यहां तक कि किसानों ने बादल के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी की और काफिले को काले झंडे दिखाए. आपको बता दें कि सुखबीर सिंह बादल ने फिरोजपुर से 100 दिन और विधानसभा क्षेत्र यात्रा ( 100 days 100 constituencies Yatra ) शुरू की है.
वहीं, विपक्षी दलों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को दलाल और बिचौलिए कहने पर केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे की आलोचना की है। किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर करीब नौ महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. करंदलाजे ने प्रदर्शनकारियों को 'दलाल' और 'बिचौलिए' करार दिया है. उसने टिप्पणी की थी कि "हम असली किसानों को मना सकते हैं नकली को नहीं." पूर्व मंत्री और जद (एस) नेता सा रा महेश ने बुधवार को शोभा करंदलाजे से किसानों के विरोध पर अपना बयान वापस लेने और माफी मांगने का आग्रह किया. यदि कृषि पर नए कानून किसानों के हित में हैं, तो इसे आंदोलनकारी किसानों को बताना होगा और उन्हें उनके बारे में आश्वस्त करना होगा. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसानों को दलाल कहना स्वीकार्य नहीं है. राज्य किसान संगठन महासंघ के अध्यक्ष कुरुबुरु शांताकुमार ने शोभा करंदलाजे को हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने घटिया प्रचार के लिए बयान बताया. उन्होंने कहा, "उन्होंने किसानों के बारे में बहुत ही घटिया ढंग से बात की है." कर्नाटक गन्ना उत्पादक संघ के सदस्यों ने भी विरोध प्रदर्शन किया और प्रदर्शनकारी किसानों पर उनकी टिप्पणियों पर शोभा करंदलाजे से सवाल किया.
शोभा करंदलाजे ने मंगलवार को कहा था कि सरकार ने आंदोलनकारी किसानों के साथ 11 दौर की बैठक की है और प्रधानमंत्री इन नए कानूनों के जरिए किसानों की बेड़ियों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. केंद्र सरकार एक और दौर की बातचीत के लिए तैयार है. लेकिन, नई दिल्ली में आंदोलन दलालों, बिचौलियों और निहित स्वार्थ वाले लोगों द्वारा किया जाता है, जो केंद्र सरकार को खराब रौशनी में पेश करना चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि, कोरोना संकट के कारण, शहरी क्षेत्रों के युवा कृषि करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में वापस जा रहे हैं. अफगानिस्तान के विकास पर टिप्पणी करते हुए शोभा करंदलाजे ने कहा कि अफगानिस्तान हमारे लिए सबसे अच्छा उदाहरण है कि अगर समाज में राक्षसों की रक्षा और सुरक्षा की जाती है तो क्या होता है.
Source : News Nation Bureau