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पंजाब सरकार ने कुछ छूट के साथ 15 जून तक कोरोना की पाबंदियां बढ़ाईं

देश में जहां कोरोना के केसों में कमी आ रही है तो वहीं कोरोना वैक्सीन को लेकर कई राज्यों में राजनीति शुरू है. इसी क्रम में पंजाब में कोरोना के प्रतिबंधों में ढिलाई दी गई है.

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Deepak Pandey
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Amarinder Singh

पंजाब सरकार ने कुछ छूट के साथ 15 जून तक कोरोना की पाबंदियां बढ़ाईं( Photo Credit : फाइल फोटो)

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देश में जहां कोरोना के केसों में कमी आ रही है तो वहीं कोरोना वैक्सीन को लेकर कई राज्यों में राजनीति शुरू है. इसी क्रम में पंजाब में कोरोना के प्रतिबंधों में ढिलाई दी गई है. सीएमओ के अनुसार, पंजाब सरकार ने कुछ छूटों के साथ COVID के प्रतिबंधों को 15 जून तक बढ़ा दिया है. इस छूट के तहत अब पंजाब में शाम 6 बजे तक दुकानें खुलेंगी. प्राइवेट दफ्तर में 50% कर्मचारी काम कर सकते हैं. हालांकि, रोजाना शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक रात का कर्फ्यू लागू रहेगा, लेकिन रविवार को भी नियमित कर्फ्यू जारी रहेगा.

वहीं, पंजाब में वैक्सीन को प्राइवेट अस्पतालों में महंगा बेचकर पंजाब सरकार चौतरफा घिर गई है. आपको बता दें कि कि इससे पहले पंजाब में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आरोप लगाया कि लाभार्थियों को मुफ्त में दिए जाने वाले कोविड के टीके राज्य में अधिक कीमत पर बेचे जा रहे हैं. एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पुरी ने कहा, "29 मई को पंजाब में कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के प्रभारी आईएएस अधिकारी विकास गर्ग ने कहा कि कोविशील्ड की 4.29 लाख खुराक 13.25 करोड़ रुपये में 309 प्रति खुराक औसतन रुपये की दर से खरीदी गई थी, लेकिन इसे निजी अस्पतालों को 1,000 रुपये में बेचा गया था." उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने 412 रुपये प्रति खुराक की औसत दर से कोवैक्सीन की 14,190 खुराक 4.70 करोड़ रुपये में खरीदी थी.

पुरी ने कहा, "लोगों से कोविशील्ड की एक खुराक के लिए 1,560 रुपये लिए गए थे, जिसे पंजाब सरकार ने 309 रुपये में खरीदा था और निजी अस्पतालों को 1,000 रुपये में बेचा था." नागरिक उड्डयन मंत्री ने यह भी दावा किया कि उनके पास मोहाली के दो अस्पतालों के बारे में जानकारी है, जिन्होंने 3,000 रुपये में टीके बेचे. पुरी ने बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को कोविड वैक्सीन की 24 करोड़ से अधिक खुराक प्रदान की गई हैं, जिनमें से 1.65 करोड़ से अधिक खुराक अभी भी प्रशासन के लिए राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के पास उपलब्ध हैं.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पुरी ने कहा, "कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूछ रहे हैं कि 'हमारे बच्चों के टीके कहां हैं' कांग्रेस शासित राजस्थान में टीकों को कूड़े में फेंक दिया जाता है, जबकि पंजाब में लोग इससे लाभ कमा रहे हैं. यह कांग्रेस की संस्कृति है." पुरी ने नए कृषि कानूनों पर किसानों को गुमराह करने के लिए कांग्रेस पर भी हमला किया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा, "नए कृषि कानूनों पर भ्रम और झूठ फैलाया गया था. कहा जा रहा था कि एमएसपी प्रणाली मौजूद नहीं होगी, मंडियां बंद हो जाएंगी आदि. सच्चाई यह है कि इन कानूनों के लागू होने के बाद, गेहूं और धान की रिकॉर्ड खरीद हुई है एमएसपी पर किया गया है."

इससे पहले दिन में, पुरी ने ट्वीट किया था, "प्राथमिकताओं में अंतर स्पष्ट है. केंद्र सरकार ने रबी सीजन के दौरान गेहूं खरीद के लिए पंजाब के किसानों के खातों में सीधे 26,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं. जबकि पंजाब सरकार ने निजी अस्पतालों को टीके बेचकर लगभग 2.4 करोड़ रुपये मुनाफा कमाया. पुरानी आदतें मुश्किल से मरती हैं!" आलोचनाओं का सामना करने के बाद, पंजाब सरकार ने शुक्रवार शाम को निजी अस्पतालों से कोविड के टीके की खुराक वापस लेने का आदेश जारी किया था.

पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने दावा किया कि कोविड टीकाकरण के लिए राज्य प्रभारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, निजी अस्पतालों को लगभग 42,000 खुराक आवंटित की गई, जिनमें से केवल 600 लोगों को दी गई.

Source : News Nation Bureau

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