पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने नशा मामले में अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की अग्रिम जमानत अर्जी रद्द कर दी है. पंजाब में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को तगड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने ड्रग्स मामले में मजीठिया को सोमवार को उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी को रद्द कर दी है. कोर्ट ने इससे पहले मजीठिया को राहत देते हुए गिरफ्तारी से बचा लिया था. शिरोमणि अकाली दल के महासचिव बिक्रम सिंह मजीठिया पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के साले और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं.
तब हाई कोर्ट ने मजीठिया को जांच अधिकारी (आईओ) के सामने पेश होने का निर्देश देते हुए, उन्हें सुनवाई की अगली तारीख तक अंतरिम जमानत दे दी थी. पूर्व मंत्री से अदालत ने यह भी कहा था कि सुनवाई की अगली तारीख तक वो देश ना छोड़ें और व्हाट्सऐप के जरिए जांच एजेंसी को अपना लाइव लोकेशन भी शेयर करते रहें.
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आरोपों पर मजीठिया ने कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज मामला राजनीति से प्रेरित था और इसे आगामी पंजाब विधानसभा चुनावों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए. राज्य पुलिस की अपराध शाखा द्वारा मोहाली पुलिस स्टेशन में दर्ज 49 पन्नों की प्राथमिकी में शिअद नेता के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम की धारा 25, 27 ए और 29 के तहत मामला दर्ज किया गया है.