केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का समर्थन करने का बहुत बड़ा फायदा कांग्रेस को पंजाब के स्थानीय निकाय चुनावों में मिला है. जिस तरह कांग्रेस किसानों के साथ खुलकर सामने आई, उसी तरह पंजाब की जनता ने कांग्रेस को वोट दिया है. पंजाब में 116 शहरी स्थानीय निकाय चुनावों की गिनती अभी चल रही है. लेकिन पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने बड़ी बढ़त हासिल कर ली है. जबकि किसान आंदोलन की आंच में भारतीय जनता पार्टी झुलस गई है और इसकी चपेट में शिरोमणि अकाली दल भी आया है. बीजेपी का पंजाब में निराशाजनक प्रदर्शन देखने को मिला है तो अकाली दल भी काफी पिछड़ गया है.
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बीजेपी को पंजाब में उम्मीद कम रही होगी, मगर उनसे यह नहीं सोचा होगा कि निकाय चुनाव के नतीजे हैरान करने वाले होंगे. पंजाब शहरी निकाय चुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए बड़ा झटका हैं. कुछ निकायों में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया है. अकाली दल प्रदर्शन भी काफी खराब दिख रहा है. अब तक के नतीजे कांग्रेस के लिए सुकून देने वाले हैं. राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले की अग्नि परीक्षा के तौर पर स्थानीय निकाय चुनाव के लिए वोटों की गिनती हो रही है.
पठानकोट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है, लेकिन निकाय चुनाव में उसका जादू नहीं चला है. कांग्रेस ने यहां 37 में वार्डों जीत हासिल कर ली है. बीजेपी को 11 वार्डों में जीत मिली है, जबकि एक-एक वार्ड में अकाली दल और निर्दलीय जीता है. क्लीन स्वीप में कांग्रेस ने अबोहर में 50 वार्डों में से 49 जीते, जबकि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने एक जीता है. जैतो शहरी नगर निगम के नतीजों में 17 वार्डों में कांग्रेस को 7 पर जीत मिली है. वहीं अकाली दल तीन और निर्दलीय के खाते में चार सीटें गई है. कोटकपुरा नगर निगम में कांग्रेस को 21 वार्डों में जीत हासिल हुई है. बीजेपी ने 5 और आप ने 3 सीटें जीती हैं.
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होशियारपुर के 50 वार्डों में से, कांग्रेस ने 31 वार्ड जीते. भारतीय जनता पार्टी ने चार वार्ड जीते, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने दो जीते. हालांकि, शिअद और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कोई वार्ड नहीं जीता. भवानीगढ़ नगरपालिका परिषद में, कांग्रेस ने 15 में से 13 सीटें जीतीं, जबकि शिअद और निर्दलीय ने एक-एक सीट जीती. भाजपा और आप किसी भी सीट को हासिल करने में विफल रहे. मोगा में कांग्रेस ने 50 वार्डों में से 20 जीते, जबकि शिअद 15 वार्डों के साथ दूसरे स्थान पर रही. निर्दलीय उम्मीदवारों ने 10 वार्ड जीते, जबकि आप और भाजपा ने क्रमश: चार और एक वार्ड जीते.
बता दें कि पंजाब में 116 शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में 2,252 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है. बूथ कैप्चरिंग और झड़प के आरोपों के बीच, राज्य में 14 फरवरी को 39,15,280 मतदाताओं के मत डालने के साथ 71.39 प्रतिशत मतदान हुआ था. मोहाली में अनियमितताओं की रिपोर्ट के कारण दो बूथों में रिपोलिंग के बाद नगर निगम के लिए मतगणना गुरुवार को होगी. उल्लेखनीय है कि विवादित केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध का सामना कर रही बीजेपी भी मैदान में है. यह अकालियों के बिना दो दशकों में पहली बार चुनाव लड़ रहा है, जो कि एनडीए के सबसे पुराने सहयोगी हैं, जिन्होंने कृषि कानूनों को लेकर पार्टी से किनारा कर लिया. कस्बों और शहरों के स्थानीय मुद्दे भी चुनाव प्रचार के दौरान हावी रहे थे.
HIGHLIGHTS
- किसान आंदोलन की आंच में झुलसी बीजेपी
- शिरोमणि अकाली दल भी आया चपेट में
- पंजाब निकाय चुनाव में बीजेपी-शिअद को झटका
- किसानों के साथ देने पर कांग्रेस को छप्पड़ फाड़ वोट