आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं. भ्रष्टाचार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की हालत दयनीय कर दी है. स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के लिए आज सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सुधार की जरूरत है. चीमा ने कहा कि कांग्रेस, भाजपा और अकाली सरकारों ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए कई योजनाएं शुरू कीं, लेकिन उनका उद्देश्य जनता का स्वास्थ्य ठीक करना नहीं, बल्कि करदाताओं के पैसे से कुछ मुट्ठी भर लोगों को लाभान्वित करना था. जिससे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट खड़ा हो गया है.
यह भी पढ़ें : Russia-Ukraine war: रूसी टैंक ने कार को रौंदा, मौत का मंजर देख उड़ जाएंगे होश
हरपाल चीमा ने आयुष्मान भारत योजना की विफलता पर जोर देते हुए कहा कि इस योजना बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और घोटाला हुआ है, जिसके कारण योजना का बड़ा हिस्सा आम लोगों के स्वास्थ्य पर खर्च होने के बजाए निजी बीमा कंपनियों और निजी अस्पतालों के पास जा रहा है. यह योजना अब निजी अस्पताल मालिकों, बीमा कंपनियों एवं भ्रष्ट राजनेताओं और अधिकारियों द्वारा जनता के टैक्स के पैसे को लूटने का जरिया बन गया है.चीमा ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत हर साल सरकार निजी बीमा कंपनियों को 4,000 करोड़ रुपये आवंटित करती है.
आप नेता ने कहा कि अगर यही 4,000 करोड़ों रुपए हर साल सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र और सरकारी अस्पतालों की सुधार पर खर्च हो तो स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति आ जाएगी. लेकिन जनविरोधी और पूंजीवादी सरकारें जनता के स्वास्थ्य की कीमत पर जनता के ही पैसे को जानबूझकर गलत तरीके से खर्च करती है, ताकि सत्ता में बैठे नेताओं और उनके उद्योगपति दोस्तों का फायदा हो सके. हरपाल चीमा ने कहा कि 90% रोगियों का इलाज ओपीडी में होता है और वे इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं. यानी सरकार इतनी बड़ी रकम सिर्फ 10-15 फीसदी मरीजों पर ही खर्च कर रही है और वहां भी कई मामलों में देखा गया है.
Source : News Nation Bureau