पंजाब विधानसभा ( Punjab Legislative Assembly) में शुक्रवार को एकदिवसीय विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ के मुद्दे पर प्रस्ताव पेश किया. वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मान के प्रस्ताव का समर्थन किया. चंडीगढ़ में लागू केंद्रीय सेवा नियमों के खिलाफ प्रस्ताव में सीएम मान ने चंडीगढ़ और बीबीएमबी में पूर्व की स्थिति बहाल करने संबंधी मांग की. उन्होंने केंद्र सरकार से चंडीगढ़ को पंजाब स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा है. सीएम मान ने कहा कि चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियमों को लागू करना पंजाब पुनर्गठन अधिनियम का उल्लंघन है.
पंजाब पुनर्गठन एक्ट के तहत चंडीगढ़ को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में केंद्र सरकार ने बाहर के अधिकारियों को तैनात किया है. इससे पहले भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) में भी फेरबदल किया. पहले बोर्ड के पद पंजाब से भरे जाते थे. अब इसे खत्म कर दिया है. अब चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियमों को लागू कर दिया है. भगवंत मान ने चंडीगढ़ को पंजाब को देने का प्रस्ताव पेश किया.
Punjab Assembly one-day special session gets underway to discuss the Centre’s decision to extend the Central service rules to employees of UT of Chandigarh pic.twitter.com/JK7V9tJy3F
— ANI (@ANI) April 1, 2022
कृषि कानूनों और BSF का दायरा बढ़ाने का हो चुका है विरोध
इससे पहले पंजाब सरकार विधानसभा में कृषि कानूनों और सीमा सुरक्षा बल (BSF) का दायरा बढ़ाने का विरोध जता चुकी है. दोनों ही मुद्दों पर पिछली सरकारों ने विधानसभा में प्रस्ताव पास किया था. हालांकि कृषि कानूनों को केंद्र सरकार ने बाद में वापस ले लिया था. केंद्र सरकार ने पंजाब में बीएसएफ का दायरा 15 से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया था. इसको लेकर पंजाब सरकार विरेोध जता चुकी है.
पीएम मोदी से मिलने और सुप्रीम कोर्ट जाने की सलाह
विधानसभा में प्रताप सिंह बाजवा ने विधानसभा में शहीद भगत सिंह, डॉ. भीमराव अंबेडकर और महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा लगाने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि विधानसभा में यूनेस्को विश्व विरासत के तहत आती है. चंडीगढ़ में बिना मंजूरी कोई भी प्रतिमा स्थापित नहीं हो सकती है. सीएम मान ने विधानसभा में इन महान शख्सियतों की प्रतिमा लगाने का एलान किया था. ऐसे में सदन को गुमराह करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए.
बाजवा ने विधानसभा में सरकार को सलाह देते हुए कहा कि चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियम लागू करने पर उन्होंने कहा कि विधानसभा में वोट न मिलने की वजह से भाजपा बदले की भावना से काम कर रही है. प्रस्ताव के साथ ही एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करना चाहिए. पंजाब सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट लेकर जाए.
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दो नए विधायकों को स्पीकर ने दिलाई शपथ
कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने कपूरथला से विधायक राणा गुरजीत सिंह और सुल्तानपुर लोधी ने निर्दलीय विधायक उनके बेटे राणा इंद्र प्रताप सिंह को शपथ दिलाई. इसके बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाई गई. इसके बाद ही सीएम भगवंत मान ने सदन में चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियमों के खिलाफ पंजाब सरकार ने प्रस्ताव पेश किया और सदन ने इसे पास कर दिया.
वहीं शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आज के विशेष सत्र में प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली और 35000 कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा के लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इसके अलावा चंडीगढ़ मुद्दे पर एक बड़े फैसले का भी राज्य के लोग बेसब्री से इंतजार कर हैं.
HIGHLIGHTS
- पंजाब पुनर्गठन एक्ट के तहत चंडीगढ़ को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था
- सीएम मान ने चंडीगढ़ और बीबीएमबी में पूर्व की स्थिति बहाल करने संबंधी मांग की
- एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की सलाह