सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत किशोर को पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार का पद दिए जाने को लेकर दायर याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट में दायर याचिका में इस बात का विरोध किया गया है कि राजनीतिक दलों के चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम करने वाले प्रशांत को पंजाब में सरकारी खजाने से वेतन-सुविधाएं दी जाएंगी. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) की सीएम अमरिंदर सिंह (Punjab CM Captain Amarinder Singh) के सलाहकार के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने के पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच ने मामले की सुनवाई मामले की. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार समेत सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है.
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सुप्रीम कोर्ट पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश की समीक्षा करें
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील ने दलील देते हुए यह कहा था कि पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में उनके तथ्यों को ठीक से नहीं सुना और उनकी याचिका को खारिज कर दिया लिहाजा वह चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश की समीक्षा करें. दरअसल याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि इस तरह की नियुक्ति पर जनहित याचिका दायर की ही नहीं जा सकती है.
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प्रशांत किशोर को मिलेंगी ये सुविधाएं
पंजाब सरकार की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि प्रशांत किशोर अपनी सैलरी के तौर पर सिर्फ एक रुपया लेंगे. इसके अलावा प्रशांत किशोर को प्राइवेट सेक्रेटरी, पर्सनल असिस्टेंट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, एक क्लर्क और दो चपरासी दिए जाएंगे. इसके अलावा किशोर को राज्य ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की ओर से गाड़ी उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अलावा उनके मेहमान के लिए हर महीने 5000 रुपये खर्च किए जाएंगे.
HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को जारी किया नोटिस
- प्रशांत किशोर की नियुक्ति पर मांगा जवाब
- CM अमरिंदर सिंह के सलाहकार के तौर पर प्रशांत किशोर की नियुक्ति