पंजाब के तरनतारन से रिश्वतखोरी का एक शर्मनाक मामला सामने आया है. यहां विजिलेंस डिप्टी कमिश्नर (डीसी) के निजी सहायक (पीए) और एक क्लर्क को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है. वहीं इस मामले में तीसरा आरोपी भी शामिल है, लेकिन वह अभी फरार बताया जा रहा है, जिसकी विजिलेंस टीम तलाश कर रही है. पूरा मामला लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान वीडियोग्राफी सेवाओं के बिलों को क्लीयर करने से जुड़ा है. एक व्यक्ति इसके एवज में 50 हजार रुपये की रिश्वत की डिमांड की थी.
ये है आरोपियों की पहचान
पकड़े गए आरोपियों की पहचान तरनतारन के डीसी के पीए हरमनदीप सिंह, इलेक्शन सेल के क्लर्क हरसिमरनजीत सिंह और कांट्रैक्ट पर काम करने वाले डेटा एंट्री ऑपरेटर जगरूप सिंह के रूप में हुई है. पीए हरमनदीप सिंह और डेटा एंट्री ऑपरेटर जगरूप सिंह को विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों पकड़ा है, जबकि उनका तीसरा साथी क्लर्क हरसिमरनजीत सिंह फरार बताया जा रहा है.
50 हजार रुपये की थी डिमांड
दरअसल, तरनतारन के मोहल्ला टांक खत्रियां निवासी संदीप सिंह ने आरोपियों के खिलाफ विजिलेंस को शिकायत दी थी. पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता का आरोप है कि आरोपियों ने लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान प्रदान की गई वीडियोग्राफी सेवाओं के बिलों को क्लीयर करने के लिए उससे एक लाख रुपये रिश्वत में मांगे थे, लेकिन बाद में सौदा 50 हजार रुपये में तय हुआ. आरोपी शिकायतकर्ता से पहली किस्त के तौर पर 20 हजार रुपये लेते पकड़े गये थे.
जाल बिछाकर धर दबोचा
विजिलेंस ने शिकायत के आधार पर पड़ताल शुरू की. इसके बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया था. विजिलेंस टीम ने आरोपी पीए हरमनदीप सिंह और डेटा एंट्री ऑपरेटर जगरूप सिंह को दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया.
कोर्ट में पेश होंगे आरोपी
अमृतसर रेंज विजिलेंस ब्यूरो थाने में इस मामले को लेकर भ्रष्टाचार रोधी कानून के तहत केस दर्ज किया गया है. दोषियों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा और मामले से जुड़ी पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.