पंजाब में आज यानि शानिवार को शिक्षकों, अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किया. शिक्षकों और अभिभावकों की मांग है कि स्कूल को अविलंब खोला जाये. उन्होंने चेतावनी दी कि य़दि स्कूल नहीं खुले तो हम लोग वोट नहीं देंगे. शिक्षको-अभिभावकों का कहना है कि जब रैलियां और चुनाव प्रचार हो रहे हैं तो स्कूलों को बंद रखने का कोई औचित्य नहीं है. कोरोना के कारण पंजाब में 5 जनवरी से स्कूल बंद हैं. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर स्कूल फिर से नहीं खोले गए, तो वे आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में मतदान नहीं करेंगे.
पंजाब सरकार ने पहले राज्य में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए स्कूलों को 8 फरवरी तक बंद करने का फैसला किया था. बढ़ती पाबंदियों के विरोध में अब स्कूल प्रशासन, शिक्षक और अभिभावक सामने आ गए हैं. शनिवार को पंजाब अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के बैनर तले राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किया गया.
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प्रदर्शनकारियों में स्कूल प्रबंधन, शिक्षक, गैर-शिक्षण कर्मचारी और अभिभावक शामिल थे. उन्होंने स्कूलों को फिर से खोलने पर जोर दिया. एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल एमए सैफी ने कहा कि बरनाला जिले के कम से कम 10 स्कूलों के प्रतिनिधि, शिक्षक और अभिभावक विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. कोरोना के कारण पिछले साल करीब नौ महीने तक स्कूल बंद रहे थे और अब फिर से 5 जनवरी से लगातार स्कूल बंद हैं. हमारे स्कूलों में स्टाफ और बच्चों को भी टीका लगाया गया है. जब सब कुछ खुला है तो स्कूल क्यों बंद हैं.
एक शिक्षिका स्वीटी शर्मा ने कहा कि सरकार हमें ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कोई मंच या सुविधा नहीं दे रही है और हमारे पास जो मंच है वह भी हमसे छीन लिया जा रहा है. आज सरकार ने स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा है. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि हम 8 फरवरी तक का इंतजार कर रहे हैं, उसके बाद स्कूल खुल जाना चाहिए.