पंजाब: लोगों की जिंदगी से खिलवाड़, नहर में बहते मिले हजारों रेमडेसिवीर इंजेक्‍शन

पंजाब में एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे प्रशासन की लापरवाही से लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. दरअसल यहां हजारों की संख्या में रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप नहर में बहते हुए मिली. 

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Karm Raj Mishra
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Remedies Injections in Canal

Remedies Injections in Canal( Photo Credit : News Nation)

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देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है. एक बार फिर से पिछले 24 घंटे में 4 लाख से ज्यादा मरीज सामने आए हैं. इतनी बड़ी संख्या में संक्रमितों के सामने आने से कोविड-19 (COVID-19) के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की भारी किल्लत सामने आ रही है. ऐसे में पंजाब से एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे प्रशासन की लापरवाही से लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. दरअसल यहां हजारों की संख्या में रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप नहर में बहते हुए मिली. 

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ग्रामीण ने दी पुलिस को जानकारी

पंजाब के चमकौर साहिब के नजदीक भाखड़ा नहर (Bhakra Canal) से सैकड़ों रेमडेसिविर और चेस्ट इंफेक्शन (Chest Infection) के इंजेक्शन बरामद किए गए हैं. इनमें सरकार को सप्लाई किए जाने वाले 1456 इंजेक्शन, 621 रेमडेसिवीर इंजेक्शन व 849 बिना लेबल के इंजेक्शन भी शामिल हैं. जानकारी के अनुसार एक ग्रामीण ने भाखड़ा नहर में रेमडेसिविर इंजेक्शनों की खेप देखी तो इसकी सूचना पुलिस व स्वास्थ्य विभाग को दी, जिसके बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. हालांकि इंजेक्शन के असली या नकली होने की पुष्टि नहीं हो पाई है. 

ग्रामीण के अनुसार इंजेक्शन नहर में बह रहे थे, जिसे देख वह हैरान रह गए. स्वास्थ्य विभाग के ड्रग इंस्पेक्टर ने मीडिया को बताया कि रेमडेसिविर के करीब 671 इंजेक्शन मिले हैं, जबकि शुरुआती जांच में ये नकली लग रहे हैं. लेकिन इसकी पुष्टि के लिए जांच चल रही है. इस दौरान 1456 से भी अधिक एंटीबायोटिक इंजेक्शन सैफापेराजोन की खेप भी नहर से मिली है, जबकि 849 बिना लेवल वाले इंजेक्शन हैं, जिनके प्रिंट पानी में धुल चुके थे. इन पर सरकारी आपूर्ति लिखा है. यह सरकारी आपूर्ति किस राज्य के लिए है, इस बारे में कुछ नहीं लिखा है. 

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रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी जारी

जानकारी के मुताबिक रेमडेसिविर इंजेक्‍शन पर एमआरपी 5400 रुपए व मैन्युफैक्चरिंग डेट मार्च 2021 और एक्सपायरी डेट नवंबर 2021 लिखी है. सेफोपेराजोन इंजेक्शन पर मैन्युफैक्चरिंग डेट अप्रैल 2021 व एक्सपायरी डेट मार्च 2023 अंकित है. चौंकाने वाली बात यह है कि इन टीकों पर फॉर गवर्नमेंट सप्लाई नॉट फॉर सेल भी लिखा हुआ है. बता दें है कि देश में रेमडेसिविर और चेस्ट इंफेक्शन के इंजेक्शनों की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी हो रही है. 

इस घटना की जांच शुरू

नहर से मिले रेमडेसिविर इंजेक्शन की फोटो जब उन्होंने अधिकारियों के सोशल मीडिया पर बने एक ग्रुप में शेयर की तो शुरुआती जांच में पता लगा है कि इंजेक्शन जाली हैं लेकिन फिर भी जांच की जा रही है. डीएसपी चमकौर साहिब सुखजीत सिंह विर्क ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की शिकायत के बाद इस पर कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में अकाली दल के उपाध्यक्ष डॉक्टर दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि नहर से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मिलने के मामले में गंभीरता के साथ जांच की जानी चाहिए, क्योंकि इसके तार हरियाणा में पकड़े गए नकली रेमडेसिविर के किंग पिंन से भी जुड़ सकते हैं. इन मामलों से बड़े गिरोह का खुलासा हो सकता है.

HIGHLIGHTS

  • स्थानीय ग्रामीण ने दी पुलिस को जानकारी 
  • विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू किया
  • प्रशासन ने जांच शुरू कर दी
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