माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का मुद्दा पंजाब की कांग्रेस सरकार के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. जहां एक तरह मुख्तार अंसारी को लेकर पंजाब और यूपी की सरकारों के बीच तकरार दिनों-दिन बढ़ती जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ अब पंजाब की विधानसभा में भी इस मसले पर बवाल मचना शुरू हो गया है. मुख्तार को बचाने के खेल में बुरी फंसती नजर आ रही कांग्रेस सरकार के खिलाफ विरोध विपक्षी दलों ने विधानसभा में किया. शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया ने पंजाब के बजट सत्र में गैंगस्टर अंसारी का मुद्दा उठाया और सरकार पर सीधे सवाल खड़े किए.
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पंजाब विधानसभा में बुधवार को मुख्तार को लेकर भारी बवाल हुआ. विपक्ष ने पूछा कि युवाओं के हित में खर्च की जाने वाली रकम मुख्तार को बचाने के लिए क्यूं खर्च की जा रही है. अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में करोड़ों रूपये उसका केस लड़ने के लिये खर्च किए जा रहे हैं. पंजाब के यूथ नौकरी के बिना हैं, उन्हें जॉब नहीं मिल रही है, लेकिन उनको मिलने वाला पैसा अंसारी को बचाने पर खर्च किया जा रहा है.
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इसके अलावा अकाली नेता बिक्रम मजीठिया ने सदन में कहा कि पंजाब सरकार के पास कर्मचारियों की वेतन देने के पैसे नहीं हैं, लेकिन अंसारी की पैरवी के लिए सुप्रीम कोर्ट में 50 लाख का वकील खड़ा किया जा रहा है? सरकार क्यों बचा रही है अंसारी को? रोपड की जेल सेफ हैवन बनी हुई है. पंजाब पुलिस दो साल से क्यों चार्जशीट दाखिल नहीं कर रही अंसारी के केस में ? बिक्रम मजीठिया ने कहा कि राज्य सरकार उसको किस मकसद से वीआईपी सहूलियत दे रही है. उन्होंने कहा कि यूपी के डॉन मुख़्तार अंसारी को पंजाब की जेल में रखने की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
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उधर, आज मुख्तार अंसारी को पंजाब से उत्तर प्रदेश वापस भेजने की यूपी सरकार की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. यूपी सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी और आरोप लगाया कि पंजाब सरकार उसे बचाने में लगी है. वहीं पंजाब सरकार की ओर से दलील देते हुए वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि यूपी सरकार की दलील तकनीकी रूप से गलत है. अगर मुख्तार पंजाब में है तो कोर्ट के आदेश से है. इसका राज्य सरकार से कोई लेना-देना नहीं है. फिलहाल इस मसले पर आज की सुनवाई टल गई है. गुरुवार को फिर इसको लेकर सुनवाई होगी.
Source : News Nation Bureau