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कैप्टन अमरिंदर सिंह ने क्यों चला पंजाब में हिंदू कार्ड ?

पंजाब सीएम ने हिंदू कार्ड खेल कर एक बार फिर से नवजोत सिंह सिद्धू को हिट विकेट करने की रणनीति बना ली है

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Mohit Sharma
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Captain amarinder singh

Captain amarinder singh ( Photo Credit : ANI)

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पंजाब के राजनितिक उठापटक में नया ट्विस्ट कैप्टन अमरिंदर की हिन्दू नेताओं से गुरुवार को मुलाकात के बाद आया है. पंजाब सीएम ने हिंदू कार्ड खेल कर एक बार फिर से नवजोत सिंह सिद्धू को हिट विकेट करने की रणनीति बना ली है. प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नवजोत सिंह सिद्धू के नाम पर हिन्दू नेताओं का विरोध दर्ज करा कर कैप्टन ने सिद्धू को करारा जवाब तो दिया लेकिन साथ ही पार्टी हाईकमान की मुश्किलें बढ़ा दी है. दर्शन पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कमेटी के सामने दो बार पेश हो कर कह चुके हैं कि प्रदेश अध्यक्ष हिंदू समुदाय से होना चाहिए और यही बात हिंदू समुदाय के नेताओं से लगातार पंजाब के भीतर हलवाई जा रही है जिससे नवजोत सिंह सिद्धू के अरमानों पर पानी फिरता हुआ दिखाई दे रहा है.

हिंदुओं की अनदेखी से नाराज

सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में हिंदू नेताओं ने पार्टी के रवैया से अपनी नाराजगी जाहिर की. नेताओं ने सरकार के मंत्रियों को जमकर कोसा। और यहां तक कहा कि लगातार संगठन के भीतर हिंदुओं की अनदेखी की जा रही है जो आने वाले चुनाव के लिए ठीक नहीं होगा.

नेताओं की अल्टीमेटम
बैठक में कैप्टन अमरिंदर से हिंदू नेताओं ने सीधे तौर पर बात कही कि उनकी लगातार बातचीत सुखबीर सिंह बादल से हो रही है. अगर कांग्रेस ने उचित कदम नहीं उठाया तो और इसी तरीके से अनदेखी होती रही तो उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा. सूत्रों के मुताबिक नेताओं ने बैठक में कैप्टन को भी याद दिलाया अब जब कांग्रेस से हिंदू नाराज हुआ है तो पंजाब में कांग्रेस दो दर्जन सीटों से कम में सिमट कर रह गई .

हिंदू समुदाय की आबादी लगभग 39 फ़ीसदी

दरअसल पंजाब में हिंदू समुदाय की आबादी लगभग 39 फ़ीसदी है. नेताओं की शिकायत थी कि  शहरी इलाकों में हिंदू अच्छी संख्या में है. बठिंडा ,अमृतसर, मोहाली ,लुधियाना, गुरदासपुर जैसे शहरों में हिंदू मेजोरिटी में है इसके बावजूद भी वहां पर उनको तवज्जो नहीं मिलती. नेताओं की दलील थी कि  प्रदेश में हिंदू एक करोड़ से ज़्यादा  की संख्या में है ऐसे में उनकी अनदेखी  पार्टी के लिए घातक साबित हो सकती है.

कैप्टन की छवि को धूमिल हुई है

इस बात पर भी कोई शक नहीं है कि कैप्टन पर ही विधायकों ने अपना भरोसा जताया है . उनके नेतृत्व में ही पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव लड़ेगी. ऐसे में इस तनातनी से ना सिर्फ पार्टी को झटका लगा है बल्कि कैप्टन की छवि को धूमिल हुई है. फिर सूत्रों की माने तो सिद्धू को 2 पद का ऑफर मिल सकता है. एक कैंपेन कमेटी के इंचार्ज और दूसरे स्क्रीनिंग कमिटी में जगह.

Source : News Nation Bureau

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