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रेलवे अधिकारी से ऑनलाइन 9 लाख की ठगी, जालसाजों ने खुद को बताया CBI अधिकारी, फिर किया 'कोर्ट' में पेश

Maharashtra News: महाराष्ट्र में रेलवे के अधिकारी से जालसाजों ने नौ लाख रुपये ठग लिए. ठगी करने वालों ने रेलवे अधिकारी खुद को सीबीआई अधिकारी बताया. उसके बाद उसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए वीडियो कॉल किया.

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Suhel Khan
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CBI Officer
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Maharashtra News: महाराष्ट्र में रेलवे के अधिकारी को जालसाजों ने ऑनलाइन नौ लाख रुपये का चून लगा दिया. जालसाजों ने पहले खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर रेलवे अधिकारी को धमकाया और उसके बाद उसे ऑनलाइन कोर्ट में भी पेश किया. जालसाजों ने पीड़ित को 20 घंटों तक वीडियो कॉल पर रखा और इस दौरान उससे नौ लाख रुपये ठग लिए. एक अधिकारी के मुताबिक, ये घटना सोमवार को हुई.

जानें क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक, रेलवे अधिकारी को साइबर जालसाजों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर 9 लाख रुपये ठग लिए. उन्होंने रेलवे अधिकारी को बताया कि वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल था. इसके बाद उन्होंने रेलवे अधिकारी को वीडियो कॉल के जरिए "जज" के सामने भी पेश किया. एक अधिकारी ने बताया कि घटना सोमवार को हुई और जालसाजों ने पीड़ित को करीब 20 घंटे तक वीडियो कॉल पर रखा. उन्होंने बताया कि 59 वर्षीय पीड़ित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) में प्रधान मुख्य विद्युत अभियंता (निर्माण) के रूप में कार्यरत है और दक्षिण मुंबई के कोलाबा में रहता है.

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16 सितंबर की सुबह आया जालसाजों का कॉल

उन्होंने कहा कि, "16 सितंबर की सुबह, पीड़ित को अपने मोबाइल फोन पर एक वॉयस-रिकॉर्डेड संदेश मिला. इसमें कहा गया था कि उसका मोबाइल फोन दो घंटे के भीतर ब्लॉक कर दिया जाएगा और किसी भी प्रश्न के लिए उसे अपने नंबर से '0' डायल करना होगा. उसके बाद पीड़ित ने ' 0' बटन दबाया. जिसके बाद उसके फोन से वीडियो कॉल लग गई." उन्होंने बताया कि फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और कहा कि वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रेलवे अधिकारी की जांच करना चाहता है क्योंकि उसका मोबाइल नंबर एक बैंक खाते से जुड़ा था, जिसका इस्तेमाल घोटाले में किया गया था.

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अधिकारी ने बताया कि पीड़ित ने कॉल करने वाले को बताया कि उसका किसी मामले से कोई संबंध नहीं है और उसके पास दूसरा मोबाइल नंबर भी नहीं है. उन्होंने कहा, "कॉल करने वाले ने उन्हें बताया कि उनके नाम पर एक मोबाइल नंबर पंजीकृत है और वह 5.8 मिलियन रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले के लिए इस्तेमाल किए गए बैंक खाते से जुड़ा हुआ है और 247 खाते हैं, जो किसी नरेश गोयल से जुड़े हैं."

वीडियो कॉल के जरिए 'कोर्ट' में किया पेश

जिस वक्त ये घटना हुई तब पीड़ित अपने ऑफिस में काम से गया था. लेकिन कॉल करने वालों ने उन्हें यह कहते हुए घर लौटने के लिए कहा कि सीबीआई अधिकारी मामले में उनसे जांच करना चाहते हैं. उसके बाद वह घर लौट आए. जिसके बाद दोपहर 2 बजे एक वीडियो कॉल आई. पुलिस अधिकारी ने बताया कि, "इस दौरान जालसाजों ने उनसे रेलवे अधिकारी की पारिवारिक पृष्ठभूमि, उनके वित्त और संपत्ति के विवरण के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर ली. फिर आरोपी ने उनसे कहा कि उन्हें ऑनलाइन अदालत में पेश किया जाएगा और न्यायाधीश मामले का फैसला करेंगे."

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बैंक में जमा करा लिए नौ लाख रुपये

उसके बाद ये वीडियो मंगलवार सुबह 9.30 बजे तक चलती रही. इस दौरान उन्होंने पीड़ित से कहा कि उसे अदालत में पेश किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पीड़ित को खुद को जज बताने वाले एक व्यक्ति के सामने पेश किया गया, जिसने उसे बताया कि उसके खाते से कुछ अनधिकृत बैंक लेनदेन हुए हैं. उसके बाद उससे सभी बैंक विवरण उपलब्ध कराने को कहा.

इस दौरान जालसाजों ने पीड़ित को बैंक जाने को कहा और दिए गए बैंक खाते में 9 लाख रुपये जमा करने के लिए कहा. उसके बाद पीड़ित ने उनके द्वारा बताए गए बैंक खातों में पैसे जमा कर दिए. पैसे जमा करने के दौरान पीड़ितो को इस बात का अहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हो गई. इसके बाद उन्होंने बैंक जाकर मैनेजर से उस ट्रांजेक्शन को हॉल्ड करने को कहा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. इस मामले में कोलाबा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई.

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