Advertisment

कृषि बिल पारित होने पर राजस्थान में विरोध प्रदर्शन, 247 मंडियों को व्यापारियों ने किया बंद, की ये मांग

संसद में केंद्रीय कृषि बिल पारित होने के बाद विरोध में राजस्थान (Rajasthan) में आज (सोमवार) सभी 247 मंडियां बंद रही है. व्यापारी से लेकर पल्लेदार हड़ताल पर रहे.

author-image
nitu pandey
New Update
mandia

कृषि बिल पारित होने पर राजस्थान में विरोध प्रदर्शन, 247 मंडियां बंद( Photo Credit : फाइल फोटो)

संसद में केंद्रीय कृषि बिल पारित होने के बाद विरोध में राजस्थान (Rajasthan) में आज (सोमवार) सभी 247 मंडियां बंद रही है. व्यापारी से लेकर पल्लेदार हड़ताल पर रहे. मंडियों के बंद होने से एक ही दिन में 800 करोड़ का कारोबार बंद रहा. मंडियों को डर है कि किसानों से सीधे फसलों की खरीद के कानून के बाद किसान मंडियों में नहीं आएंगे. डर की वजह है सीधी खरीद पर कोई टैक्स नहीं होना औऱ मंडियों में मंडी टैक्स समेत आधा दर्जन टैक्स वसूला जाना. मंडी व्यापारी इस टैक्स को न्यूनतम करने या खत्म करने की मांग कर रहे हैं. उधर कांग्रेस ने भी इस बिल के विरोध में राजस्थान के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया.

Advertisment

जयपुर , गंगानगर से लेकर कोटा तक मंडिया बंद रही .कुछ जगह धरना प्रदर्शन भी किया.मंडी व्यापारियों का कहना है कि नए कृषि कानून से उन्हें आपत्ति नहीं. आपत्ति है तो सिर्फ मंडी टैक्स से.नया कानून लागू होने के बाद अब किसानों के मंडियों से बाहर फसल बेचने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. वहीं मंडियों में बेचने पर मंडी टैक्स, कृषक कल्याण कर, मंडी विकास शुल्क समेत आधा दर्जन कर वसूले जा रहे हैं. इससे किसान मंडियों में फसलें बेचने के बजाय बाहर सीधे कंपनियों को बेचेंगे. जिससे मंडियों के बंद होने का खतरा है. व्यापारियों ने मांग की कि या तो मंडी टैक्स खत्म कर दे या न्यूनतम, जिससे किसान मंडियों में फसल बेचने आने से कतराए नहीं. मंडियों का संचालन राज्य सरकार करती है. टैक्स भी राज्य सरकार वसूलती है इसलिए व्यापारियों ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार से ये मांग की.

इसे भी पढ़ें: चालान को चैलेंजः 500 रुपये के बदले में की10 लाख रूपये की डिमांड, जानिए पूरा मामला

वहीं, कांग्रेस ने भी राजस्थान में जिला मुख्यालयों पर इस बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. वहीं कुछ जिलों में कोरोना संक्रमण फैलने से धारा 144 लागू है इसलिए सिर्फ जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंप गया.

Advertisment

और पढ़ें:कृषि बिल के समर्थन में आए अनुपम खेर, वीडियो शेयर कर कही ये बातें

बता दें कि वर्तमान में कृषि मंडियों में फसल के बेचने पर एक फीसदी से लेकर 1.60 फीसदी तक मंडी टैक्स वसूला जाता है. इसके अलावा एक फीसदी कृषि कल्याण कर लिया जाता है. व्यापारियों की आढ़त 2.50 फीसदी. मंडी व्यापारियों का कहना है कि राजस्थान सरकार अगर कृषि कल्याण टैक्स खत्म कर दे और मंडी टैक्स न्यूनतम कर दे तो सीधी खरीद के कानून का सीधा असर मंडियों पर नहीं पड़ेगा, अन्यथा मंडियों के चौपट होने का खतरा.

Source : News Nation Bureau

rajsthan congress new-farm-bills Ashok Gehlot congress-protest
Advertisment
Advertisment