जम्मू-कश्मीर(Jammu Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाक सीमा पर
दोनों तरफ से हाई अलर्ट जारी किया गया है. सीमा पार से पाक रेंजर्स की हलचल बढ़ गई है. जबकि भारत में पाक नागरिकों को लेकर प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. खुफिया एजेंसी से मिली जानकारी के अनुसार इस वक्त अजमेर में 30 पाकिस्तानी मौजूद हैं.
अजमेर कलेक्टर ने पुलिस से मांगा इनपुट
आपको बता दें कि इन पाकिस्तानियों में 26 पाकिस्तानी लॉन्ग टर्म वीजा पर अजमेर आए हुए हैं. वहीं 4 पाकिस्तानी शॉर्ट टर्म वीजा पर अजमेर आए हुए हैं. खास बात तो यह है कि लॉन्ग टर्म वीजा पर अजमेर आए पाकिस्तानी भारत में ही रहना चाहते हैं, लेकिन बीकानेर कलेक्टर के आदेश के बाद अजमेर में यह सवाल उठ खड़ा हो गया है कि आखिर अजमेर से इन पाकिस्तानियों की रवानगी कब होगी. अजमेर कलेक्टर ने इस पूरे मामले में पुलिस से इनपुट मांगा है. लेकिन अभी तक अजमेर पुलिस जिला कलेक्टर को इनपुट नहीं दे पाई है.
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कश्मीरी छात्रों ने छोड़ा अजमेर
वहीं दूसरी ओर अजमेर के निजी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों ने कश्मीर के लिए पलायन कर लिया है. यहां के छात्रों को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से वापस कश्मीर भेज दिया है. जिसपर अजमेर पुलिस अधीक्षक कुमार राष्ट्रदीप ने कहा कि अजमेर में रहने वाले हर शख्स की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी और अजमेर पुलिस इसके लिए हमेशा तैयार रहती है. जिससे शहर की कानून व्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा.
अजमेर में मौजूद बांग्लादेशी भी हो सकते हैं खुफिया जासूस
इस पूरे मामले के बाद दरगाह के आसपास के इलाकों की पड़ताल पर चौंकाने वाली बात सामने आई है. जिसमें पता चला है कि दरगाह इलाके के आस-पास सैकड़ों की संख्या में बांग्लादेशी इस वक्त मौजूद हैं. जो अजमेर में वर्षों से निवास कर रहे हैं. बांग्लादेशी यहां के इलाके में बिना पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड के रह रहे हैं. यह तमाम बांग्लादेशी उर्स के दौरान बंगाल के रास्ते अजमेर आते हैं और यहीं रुक जाते हैं. खुफिया एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक यह लोग यहां नशे के कारोबार को भी बढ़ावा दे रहे हैं.
आपको बता दें कि बीकानेर के जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने जिले से पाक नागरिकों को 48 घंटे के भीतर बीकानेर छोड़ने का आदेश जारी किया है. इसके लिए अजमेर में कई संगठनों ने यह मांग की है कि अजमेर कलेक्टर भी ऐसा आदेश जारी कर पाकिस्तानियों को बाहर का रास्ता दिखाएं. बता दें कि अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह होने के कारण यहां पाकिस्तान के कई परिवार जियारत करने आते हैं.
Source : News Nation Bureau