डेढ़ माह, एक परिवार, 4 मौत और सब कुछ खत्म. आखिर कौन है इन चार मौतों का जिम्मेदार? छतरपुर जिले के एक थुराटी गांव में डेढ़ माह में बलराम अहिरवार और उसके परिवार की मौत के मामले में युवा कांग्रेस ने पुलिसिया कार्यवाही पर सवालिया निशान उठाते हुए लवकुशनगर में चक्काजाम कर SDPO और टीआई को हटाने की मांग कर डाली.
मामला लवकुशनगर थाने के थुराटी गांव का है. 2 जनवरी को बलराम अहिरवार नाम के व्यक्ति ने घर में पहले अपने दो मासूम बच्चों (5 वर्षीय नीलम और 7 वर्षीय रंजीत) की हत्या कर डाली और इसके बाद खुद भी फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर डाली. गौरतलब है कि डेढ़ माह पहले मृतक की पत्नी ने भी उसी कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
बलराम की पत्नी केसर बाई की मौत के बाद उसके मायके वालों ने उसके भाई पर मृतिका के साथ दुष्कर्म की घटना होने और उसकी आत्महत्या करने के आरोप लगाए थे. जिस समय मृतक की पत्नी केसरबाई ने आत्महत्या की थी, तब उसका पति बलराम मजदूरी करने बाहर गया हुआ था. केसरबाई की मौत के मामले की जांच एसडीओपी लवकुशनगर द्वारा की जा रही है.
मृतक बलराम की थोड़ी बहुत जमीन थी और वो अक्सर दिल्ली जाकर मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता था. घटना के दूसरे दिन यानी 3 जनवरी को मृतक बलराम के दो ऑडियो हुए. जो उसकी मौत के पहले के ही बताए जा रहे हैं. ऑडियो में वह अपनी साले से बात कहा रहा था कि वह अपनी पत्नी केसर से बहुत प्यार करता था.
ऑडियो में SDPO लवकुशनगर के सी पाली के बारे में बलराम ने कहा कि SDPO द्वारा उसपर दबाव बनाया जा रहा है. उसके भाई को बुलाने के लिए चूंकि बलराम के भाई पर ही केसर की मौत के बाद उसके मायके वालों ने गंभीर आरोप लगाए थे. साथ ही वह ये भी कह रहा था कि भाई को बचाने के लिए मेरे पिता ने SDPO को 86 हजार रुपये दिए हैं.
ऑडियो में बलराम बार-बार कह रहा है कि मैं केसर के पास जा रहा हूं और सारा चिट्ठा लिखकर जाऊंगा. ऑडियो सुनकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह अपनी पत्नी की मौत, उसे न्याय न मिलने और टॉर्चर किए जाने से काफी परेशान था. वहीं 3 जनवरी को ही दूसरा ऑडियो वायरल हुआ जो मृतक बलराम के साले और SDPO लवकुशनगर के बीच हुई बातचीत का है. ऑडियो में SDPO बलराम के साले को धमका रहे हैं कि तुम्हारी वजह से ही बलराम ने बच्चों की हत्या कर आत्महत्या कर ली. जबकि वह कह रहा है कि आपने ही मुझे बाहर जाने को कहा था.
मामले की गंभीरता को देखते हुए युवा कांग्रेस ने लवकुशनगर SDPO और टीआई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और मृतक बलराम और इसके परिवार की मौत के मामले में पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाते हुए न सिर्फ लवकुशनगर में जाम लगाया बल्कि पुलिस के
खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. इसके साथ ही उन्होंने SDPO और टीआई को हटाने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग कर डाली. उनका आरोप है कि अगर समय रहते पुलिस ने केसरबाई की मौत की जांच की होती तो शायद बलराम और उसके 2 बच्चे जिंदा होते.
हंगामा बढ़ता देख प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे. लेकिन युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता मौके पर डटे रहे. मामले को तूल पकड़ता देख छतरपुर एएसपी ने प्रदर्शनकारियों से फोन पर बात कर मामले की निष्पक्षता से जांच कर दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने की बात की है.
Source : News Nation Bureau