अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह ( dargah of Moinuddin Chishti ) में मंदिर होने की बात को लेकर छिड़े विवाद पर आज दरगाह कमेटी व दरगाह से संबंध रखने वाले पदाधिकारियों ने मीडिया से बातचीत की, जिसमें उन्होंने बताया कि जिस तरीके से सोशल मीडिया पर हिंदू धार्मिक चिन्ह स्वास्तिक दरगाह का बताया जा रहा है वह पूरी तरीके से गलत है । अजमेर दरगाह दीवान के पुत्र सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने बताया कि गरीब नवाज की दरगाह धार्मिक सद्भाव की मिसाल है और ऐसी हरकतों से दरगाह में आने वाले करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है । महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा लिखे गए पत्र पर दरगाह कमेटी की ओर से कार्रवाई को लेकर दरगाह कमेटी इस सम्बंध में पदाधिकारियो रायसुमारी करेगी । स्वास्तिक के चिन्ह पर उन्होंने कहा कि दरगाह में ऐसा कोई भी चिन्ह मौजूद नहीं है ।
वही अंजुमन सैयद जादगान के आदर सैयद मोइन हुसैन चिश्ती ने बताया कि यह सिर्फ माहौल खराब करने की साजिश है जिस तरीके से सोशल मीडिया पर स्वास्तिक के निशान वाली तस्वीरें वायरल की जा रही हैं उसका दरगाह से कोई संबंध नहीं है ना ही दरगाह में कोई ऐसी जगह है जहां पर ऐसा कोई चिन्ह मौजूद है । उन्होंने कहा कि यह सिर्फ माहौल खराब करने की साजिश है और ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए ।
तो दूसरी ओर सुरक्षा के लिहाज से गरीब नवाज की दरगाह के बाहर पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता भी तैनात किया गया है, वही अजमेर जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा के मौखिक आदेश पर दरगाह के बाहर मीडिया कर्मियों को किसी भी तरह की कवरेज नहीं करने दी जा रही है । शुक्रवार जुम्मे का दिन होने के कारण गरीब नवाज की दरगाह में काफी भीड़ भी देखी गई तो साथ में इस पूरे मामले को लेकर सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क दिखाई दी ।
Source : Ajay Sharma