राजस्थान के अलवर के थानागाजी गैंगरेप मामले में सियासत तेज हो गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समाचार पत्र में छपी एक खबर का हवाल देते हुए पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता हेमसिंह भडाना पर आरोपीयों को बचाने के लिए पीड़िता पर दवाब बनाकर सौदेबाजी करने का आरोप लगाया है. गहलोत ने कहा कि उन्होंने पढ़ा कि भडाना ने प्रलोभन देनकर पीड़िता को चुप कराने की कोशिश की थी.
और पढ़ें: अलवर रेपकांड: पीएम मोदी के बयान पर बोलीं मायावती- समर्थन पर उचित समय में लूंगी फैसला
उधर बीजेपी नेता हेम सिंह भडाना ने अशोक गहलोत के आरोपों को मनगढ़ंत करार दिया औऱ दावा किया कि पीड़िता ही इन आरोपों का खंडन कर चुकी है. भडाना ने सफाई दी कि वे पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए वे आंदोलन कर चुके हैं. उन्होंने कहा आरोपियों से उनका कोई रिश्ता नहीं, मैं चाहता हूं कि उन्हें फांसी दी जाए.
भडाना ने इस मामले में पीड़िता को इंसाफ दिलाने में देरी के लिए मुख्यमंत्री अशोक को जिम्मेदार माना और सीएम के इस्तीफे की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने गहलोत सरकार के एक मंत्री टीकाराम जूली पर आरोप लगाया कि उनसे केस दर्ज नहीं होने पर पीड़िता मिली थी बावजूद मदद नहीं की. भडाना ने जूली से भी इस्तीफे की मांग की.
ये भी पढ़ें: अलवर गैंगरेप केसः दौसा में पुलिस पर पथराव, किरोड़ीलाल मीणा हिरासत में
वहीं पुलिस का कहना है कि पीड़िता ने अभी तक हेमसिंह भडाना के दबाब बनाने या प्रलोभन देने की कोई शिकायत नहीं की. पहली बार ये मामला तब सामने आया, जब दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने तीन दिन पहले पीड़िता और उसके पति से मिलने के बाद आरोप लगाया कि एक नेता 25 लाख का ऑफर देकर पीड़िता को दबाने की कोशिश कर रहा है. उसके बाद एक संगठन ने थानागाजी में भडाना का पुतला फूंका था.
Source : News Nation Bureau