राजस्थान: अशोक गहलोत बहुमत साबित करने की जिद पर अड़े, आधी रात तक कैबिनेट मीटिंग में मंथन

राजस्थान का सियासी घटनाक्रम हर रोज नया मोड़ ले रहा है. राजस्थान हाईकोर्ट से सचिन पायलट गुट को राहत मिलते ही अब अशोक गहलोत कैंप में हलचल तेज हो चुकी है.

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Dalchand Kumar
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Ashok Gehlot

गहलोत की बहुमत साबित करने की जिद, आधी रात तक कैबिनेट मीटिंग में मंथन( Photo Credit : फाइल फोटो)

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राजस्थान (Rajasthan) का सियासी घटनाक्रम हर रोज नया मोड़ ले रहा है. राजस्थान हाईकोर्ट से सचिन पायलट गुट को राहत मिलते ही अब अशोक गहलोत कैंप में हलचल तेज हो चुकी है. राज्य की कांग्रेस सरकार के गिरने की आशंकाओं के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) बहुमत साबित करने की जिद पर अड़े हुए हैं. गहलोत की ओर से विधानसभा सत्र बुलाने की अपील की जा रही है, मगर राज्यपाल कलराज मिश्र ने कोरोना संकट का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार अपने पास विधायकों की पूर्ण संख्या होने का दावा करते आ रहे हैं. मगर राज्यपाल के फैसले से गहलोत गुट की चिंताएं और बढ़ चुकी हैं. लिहाजा अशोक गहलोत ने कैबिनेट बैठक बुलाई जो आधी रात तक चली. गहलोत कैबिनेट की बैठक शुक्रवार रात मुख्यमंत्री निवास में शुरू हुई. कैबिनेट की बैठक करीब 2 घंटे 20 मिनट तक चली. पाटी सूत्रों के अनुसार बैठक में विधानसभा सत्र बुलाए जाने की कैबिनेट के प्रस्ताव पर राजभवन द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर चर्चा हुई.

ज्ञात हो कि राजभवन ने छह बिंदुओं पर जवाब मांगा है. राजभवन द्वारा जिन छह बिंदुओं को उठाया गया है उनमें से एक यह भी है कि राज्य सरकार का बहुमत है तो विश्वास मत प्राप्त करने के लिए सत्र आहूत करने का क्या औचित्य है? इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि विधानसभा सत्र किस तिथि से आहूत किया जाना है, इसका उल्लेख कैबिनेट नोट में नहीं है और ना ही कैबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन किया गया है.

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इससे पहले विधानसभा सत्र की मांग को लेकर अशोक गहलोत विधायकों को साथ लेकर राजभवन पहुंचे. राजभवन की ओर रवाना होने से मुख्यमंत्री गहलोत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार के आग्रह के बावजूद ‘ऊपर से दबाव’ के कारण राज्यपाल विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहे हैं. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके पास बहुमत है और विधानसभा में 'दूध का दूध और पानी का पानी' हो जाएगा. राजभवन में मुख्यमंत्री गहलोत पहले अकेले राज्यपाल मिश्र से मिले और उन्हें विधायकों के समर्थन पत्र सौंपते हुए सत्र बुलाने का आग्रह किया.

इस बीच बाहर लॉन में बैठे विधायकों ने ‘रघुपति राघव राजाराम और हम होंगे कामयाब’ पर सुर मिलाते हुए कहा कि वे धरने पर बैठे हैं और सत्र आहूत करने की तारीख तय होने के बाद ही यहां से जाएंगे. हालांकि राज्यपाल के आश्वासन के बाद यह धरना शुक्रवार की रात समाप्त हो गया. राज्यपाल ने कांग्रेस विधायकों को आश्वस्त किया है कि वह इस मामले में किसी दबाव और द्वेष के बिना संविधान का अनुपालन करेंगे.

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