राजस्थान में कांग्रेस ने रिवाज बदलने का दावा कर रही थी लेकिन अब उसे सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा नहीं मिल पा रहा है. अब तक के रुझानों के मुताबिक राजस्थान की बागडोर बीजेपी के हाथ में जाती दिख रही है. रुझानों के मुताबिक, बीजेपी 112 और कांग्रेस 72 पर बनी हुई है.ऐसे में इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि राज्य से कांग्रेस का सफाया होने वाला है. इन रुझानों को देखते हुए अब राज्य में यह कवायद तेज हो गई है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा? सीएम चेहरे की इस रेस में सबसे बड़ा चेहरा वसुंधरा राजे हैं और इस बार भी वह मुख्यमंत्री की रेस में हैं. हालांकि, उनके साथ गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, सतीश पुनिया और सीपी जोशी जैसे नेताओं के नाम चर्चा में हैं.
आखिर क्यों चर्चा में बाबा बालकनाथ
वहीं राजस्थान के लोगों के बीच बाबा बालकनाथ की भी चर्चा जोरों पर है. तिजारा सीट से बाबा बालकनाथ बड़ी जीत की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. बाबा बालकनाथ योगी भी सांसद हैं और उन्हें बीजेपी ने विधान सभा से लड़ाया है. यादव समुदाय से आने वाले बाबा बालकनाथ योगी को सीएम बनाने की चर्चाएं जोरों पर हैं क्योंकि इसमें बीजेपी हिंदुत्व और ओबीसी दोनों कार्ड खेलने के प्लान से नाम उछाल रही है. उत्तर प्रदेश और बिहार में जनसंख्या के अनुपात में जातिगत आरक्षण और जनगणना को लेकर काफी चर्चा हो रही है. बीजेपी को लगता है कि इससे विपक्ष ओबीसी समुदाय को गोलबंद करने में कामयाब हो जाएगा.
ये भी पढ़ें- बरकरार है मोदी मैजिक, पीएम के धुआंधार प्रचार ने BJP को फिर बनाया सिरमौर
बाबा बालकनाथ की है जबरदस्त पकड़
यूपी में बीजेपी ये काम पहले भी कर चुकी है. सीएम योगी आदित्यनाथ पर दांव खेलकर बीजेपी ने यूपी समेत पूरे भारत में हिंदुत्व का कार्ड मजबूत कर लिया है. ऐसे में बीजेपी राजस्थान में यही फार्मुला लागू करे तो चौंकाने वाले बात नहीं होगी. आपको बता दें कि अलवर के रहने वाले बाबा बालकनाथ योगी का प्रभाव क्षेत्र का काफी बड़ा है. वह हरियाणा के रोहतक में स्थित नाथ संप्रदाय के मठ के मंहत भी हैं. योगी आदित्यनाथ के बेहद ही करीबी माने जाते हैं. आपको बता दें कि बालकनाथ के समर्थन में योगी आदित्यानाथ ने रैलियों में भी दिखाई दिए थे. सीएम योगी यहां तक बाबा बालकनाथ के नामाकंन रैली मे शामिल हुए थे. बाबा की तजिरा के इलाकें में जबरदस्त पकड़ है.
Source : News Nation Bureau