राजस्थान में भले ही अभी चुनावों में करीब डेढ़ साल का समय बचा हुआ है, लेकिन गहलोत सरकार अभी से मानो चुनावी तैयारी में जुट गई है. इसकी शुरुआत हुई है पार्टी के नाराज नेताओं व कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को मनाने से. नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने में जुटी सरकार ने बोर्ड, निगम के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को राजनीतिक नियुक्तियों के साथ 75,000 की सैलरी और भत्तों का तोहफा भी दे दिया है. वहीं, उपाध्यक्षों को पहली बार यह सौगात दी गई हैं. भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस अपने नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए जनता के खजाने को लुटाने में लगी है.
गहलोत और सचिन पायलट की सियासी अदावत के बीच पार्टी कार्यकर्ताओं ने जब राजस्थान में खुद को ठगा हुआ पाया तो गहलोत सरकार ने नियुक्तियों का पिटारा खोल दिया. सवाल था कि किसको क्या मिलेगा! इससे जब पर्दा उठा तो कांग्रेसियों के चेहरे खिल उठे. वजह राजनीतिक नियुक्तियों के बाद उन्हें कैबिनेट और राज्य मंत्री का दर्जा तो मिला ही, साथ ही सबको हर महीने वेतन और भत्तों के रूप में अच्छी खासी रकम भी दी जा रही है.
दरअसल, कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता सीएम गहलोत से वेतन और भत्ता देने की मांग कर रहे थे. इन नेताओं की माने तो चुनावी साल शुरू होने वाला है. ऐसे में कार्यकर्ताओं का आना-जान रहेगा. इसलिए राज्य सरकार को सुविधाएं दी जानी चाहिए. यही कारण है कि सीएम गहलोत ने पार्टी नेताओं की भावना को ध्यान में रखकर यह सुविधा प्रदान करनी शुरू कर दी है. हालांकि, जिन्हें यह सौगात मिली है वे अपनी खुशी खुल कर बताने में भी झिझक रहे हैं.
दरअसल, राजस्थान की गहलोत सरकार ने बोर्ड, कॉर्पोरेशन अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को अब 30 हजार वेतन और 30 हजार यात्रा भत्ता सहित 75 हजार रुपये वेतन देने का फैसला किया है. इसमें वाहन भत्ता और यात्रा भत्ता प्रतिमाह 30 हजार रुपए शामिल हैं. आवास के अलग से 10 हजार रुपये मिलेंगे. टेलीफोन और इंटरनेट भत्ता 5 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा. दूसरी ओर जिन्हें कैबिनेट मंत्री स्तर का दर्जा मिला है, उनका वेतन 45000 से 65000 के बीच रहेगा और उनका सत्कार भत्ता 34,000 से 55,000 तय किया गया है. राजस्थान में 27 को राज्य मंत्री और 3 लोगों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला हुआ है. वहीं, जब कार्यकर्ताओं को दी जा रही सौगात पर पूछे जाने पर पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने इसे कार्यकर्ताओं का सम्मान बताते हुए चुनावी मोड़ पर आने की खबरों से इनकार ही कर किया.
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी ने अपने इन 10 सवालों से केंद्र सरकार को घेरा, बोले हमें... से लड़ना आता है
वहीं, भाजपा ने आरोप लगाया है कि पुरे कार्यकाल में कांग्रेस ने कुर्सी बचाने का ही तो काम किया है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा का आरोप है कि कांग्रेस के पास चुनावी वादों को पूरा करने के लिए रुपए नहीं है, लेकिन अपने नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए खजाने को लूटा रही है और इसका भार भी जनता को ही उठाना पड़ेगा. गौरतलब है कि राजस्थान में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, गहलोत सरकार लुभावनी घोषणाओं के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को भी साधने में जुटी है. लिहाजा, राजनीतिक नियुक्तियों से नवाजे गए कार्यकर्ताओं को वेतन और भत्ते देकर भी वह यही सन्देश देना चाह रही है.
Source : Lal Singh Fauzdar