राजस्थान में बीएसपी को जोर का झटका लगा है. राज्यसभा चुनाव में अपने विधायकों को कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग से रोकने राजस्थान हाई कोर्ट पहुंची पार्टी की याचिका खारिज कर दी गई है. बहुजन समाज पार्टी ने हाई कोर्ट में अपील की थी कि उसके सभी 6 विधायकों को राज्यसभा चुनाव में वोटिंग करने से रोका जाए, या फिर पार्टी की तरफ से जारी व्हिप का पालन किया जाए. दरअसल, राजस्थान के सभी 6 बीएसपी विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी और कांग्रेस से जुड़ गए थे. चूंकि उन्होंने चुनाव बीएसपी के टिकट पर जीता था, इसलिए बीएसपी ने व्हिप जारी किया था कि सभी विधायक उसकी पसंद के कैंडिडेट के पक्ष में वोट करें. लेकिन विधायकों ने कांग्रेस के ही साथ वोटिंग में जाने का फैसला किया है, जिसके बाद बीएसपी ने हाई कोर्ट की शरण ली थी. हालांकि उसकी याचिका खारिज हो गई.
राज्यसभा की चुनावी प्रक्रिया शुरू, नहीं करेंगे हस्तक्षेप
जस्टिस पंकज भंडारी की अवकाशकालीन विशेष खंडपीठ ने याचिकाकर्ता हेमंत नाहटा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हाई कोर्ट इस मामले में दखल नहीं देगी. राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसे रोका नहीं जा सकता. कोर्ट ने कहा कि राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, ऐसे में उसके हस्तक्षेप का सवाल ही नहीं उठता. दरअसल, बीएसपी के 6 विधायक 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे. उन पर दलबदल का मामला चल रहा है.
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बीएसपी ने जारी किया था व्हिप
बता दें कि 5 जून को बीएसपी की राज्य इकाई ने व्हिप जारी कर कांग्रेस में शामिल होने वाले 6 विधायकों को बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा के पक्ष में मतदाने करने के निर्देश दिए थे. बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, लाखन मीना, दीपचंद खैरिया, संदीय यादव, जोगिंदर अवाना और वाजिब अली से व्हिप में कहा कि आप बीएसपी के चुनाव चिन्ह पर जीते हैं, इसलिए पार्टी व्हिप के अनुसार काम करने के लिए बाध्य है. लेकिन हाई कोर्ट से पार्टी को कोई राहत नहीं मिली.
HIGHLIGHTS
- राजस्थान हाई कोर्ट से बीएसपी को झटका
- दलबदल, राज्यसभा चुनाव में दखल से इन्कार
- बीएसपी ने राज्यसभा चुनाव को लेकर जारी किया था व्हिप
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