राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने रविवार रात 131 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. इसमें 12 महिला और 32 युवा उम्मीदवारों को शामिल किया गया है. पार्टी ने 17 एससी और 19 एसटी उम्मीदवारों को टिकट दिया है. सूची में 85 वर्तमान विधायक शामिल हैं, जबकि 25 नए चेहरों पर बीजेपी ने भरोसा जताया है. हालांकि 2 मंत्रियों सहित 23 के टिकट भी काटे हैं. पार्टी के नेताओं का दावा है कि सभी स्तरों पर पार्टी ने मंथन, चिंतन के बाद जिताऊ कैंडिडेट को मैदान में उतारा है. पहली सूची में 26 जाट और 17 राजपूतों पर दांव लगाया गया है. आइए, देखते हैं भाजपा की पहली सूची में क्या है खास:
सीएम वसुंधरा राजे और आरएसएस में खेमों में बैलेंस
131 नामों की इस लिस्ट में आरएसएस और मुख्यमंत्री वसुंधरा की ताकत देखी जा सकती है. लिस्ट में राजे के करीबी विधायक तो हैं ही, आरएसएस से जुड़े लोगों को भी उम्मीदवार बनाया गया है. माना जा रहा है कि यह दोनों खेमों में संतुलन बनाए रखने की कोशिश है.
एक भी मुसलमान को टिकट नहीं
पहली सूची में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया गया है. भाजपा ने पहली सूची में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार पर भरोसा नहीं जताया है. नागौर से मौजूदा विधायक हबीबुर्रहमान का भी टिकट काट दिया गया है. इस से स्पष्ट है कि भाजपा हिन्दुत्व को ही प्रमुखता देने जा रही है.
जमकर चला परिवारवाद
बीजेपी ने सांसद कर्नल सोनाराम को बाड़मेर से विधानसभा का टिकट दिया है. वहीं मंत्री सुरेंद्र गोयल का टिकट कट गया है. मंत्री नंदलाल मीना की जगह उनके बेटे हेमंत को टिकट दिया गया है. विधायक गुरजंट सिंह की जगह उनके पोते गुरवीर, दिगम्बर सिंह के बेटे शैलेश सिंह को, सांवर लाल जाट के बेटे रामस्वरूप को, देवी सिंह भाटी की पुत्रवधु पूनम कंवर, किरोड़ी लाल मीना की पत्नी गोलमा, सुंदर लाल के बेटे कैलाश और धर्मपाल चौधरी के बेटे मंजीत को टिकट दिया गया है.
एंटीएनकंबेंसी से अधिक भितरघात का डर
बीजेपी ने इस बार सिर्फ 18 फीसदी टिकट ही काटे हैं. सत्ता विरोधी माहौल के बीच कहीं बगावत का बिगुल न फुंक जाए, इसलिए बीजेपी ने पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया है. पार्टी का विश्वास है कि कार्यकर्ता एकजुट रहे तो विकास के दम पर के एंटीएनकंबेंसी का जबाव देंगे. हाशिए पर धकेल दिए गए पूर्व मंत्री मदन दिलावर को पहली सूची में जगह मिली है। वहीं पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां को उनकी पत्नी की जगह सार्दुलपुर से उम्मीदवार बनाया.
महिलाओं की 10% भागीदारी
पहली सूची में 12 महिलाओं को मौका दिया गया है. सदन में 33% आरक्षण की मांग कर रही महिलाओं को 10% टिकट मिले हैं.
सहानुभूति बटोरने की कोशिश
तीन दिवंगत और तीन बुजुर्ग नेताओं के बेटों को मौका दिया गया है. पूर्व मंत्री स्व. दिगंबर सिंह, स्व सांवरलाल जाट व धर्मपाल चौधरी के बेटों को जातिगत समीकरण और उम्रदराज सुंदरलाल, कुंजीलाल मीणा के बेटों और देवीसिंह भाटी की पुत्रवधु को मौका दिया गया है.
सांसद पर भी दांव
मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस शामिल होने के बाद बाड़मेर से सांसद कर्नल सोना राम को मौका देकर भाजपा ने जातीय ध्रुवीकरण साधने की कोशिश की है.
मोदी लहर में हारे नेताओं पर भी भरोसा
आमेर से 329 वोटों के अंतर से हारे सतीश पूनियां को संघ पृष्ठभूमि और जातीय समीकरणों के आधार पर फिर से मौका दिया गया है. अजमेर से लोकसभा चुनाव हार चुके रामस्वरूप
लांबा को भी जाट की परंपरागत सीट से मौका दिया गया है.
जोधपुर में 9 पुराने चेहरों में दांव
भारतीय जनता पार्टी ने जोधपुर शहर की सभी 10 विधानसभा के प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. इनमें नौ पुराने चेहरे पर दांव लगाया गया है. एक टिकट बदला गया है. विधायक कैलाश भंसाली के भतीजे अतुल भंसाली को उम्मीदवार बनाया गया है. वयोवृद्ध विधायक सूर्यकांता व्यास को लगातार सातवीं बार प्रत्याशी बनाया गया है. वह लगातार तीसरी बार सूरसागर से चुनाव लड़ेंगी. सूर्यकांता व्यास का कहना है कि यह पार्टी का बड़प्पन है कि मुझे मौका दिया है. पार्टी ने लूणी से विधायक जोगाराम पटेल को फिर मौका दिया है. पटेल इससे पहले भाजपा सरकार में संसदीय सचिव रह चुके हैं. भाजपा ने सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र भोपालगढ़ से सरकार में राज्यमंत्री कमसा मेघवाल को प्रत्याशी बनाया है भीलवाड़ा से पूर्व मंत्री अर्जुन लाल गर्ग को भी प्रत्यशी बनाया गया है. संसदीय सचिव भैराराम सियोल ओसिया से मंत्री गजेंद्र खींवसर को लोहावट से विधायक राम विश्नोई को फलोदी से टिकट दिया गया है. शंभू सिंह खेतासर को पार्टी ने सरदारपुरा से उतारा है.
Source : लाल सिंह फौजदार