भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खरीद फरोख्त वाले बयान पर पलटवार करते हुए बुधवार को कहा कि गहलोत ने स्वयं ने बसपा विधायकों को इसी जरिए अपनी पार्टी में शामिल किया था. उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की जब कहीं भी सुनवाई नहीं हुई, तब उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला लिया. इसमें भाजपा क्या कर सकती है? पुनियां ने कहा कि सिंधिया लंबे समय से चुनावी घोषणापत्र के वादों को पूरा करने की मांग कर रहे थे. उन्होंने सड़क पर उतरने की बात भी कही थी, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी. अंत में उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला लिया. इसमें भाजपा क्या कर सकती है?
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एक बयान में उन्होंने कहा कि इसी तरह राजस्थान में भी किसानों की कर्ज माफी, बेरोजगारों को रोजगार भत्ता देने का वादा सरकार पूरा नहीं कर पा रही है. इससे जनता में रोष है. पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने छह महीने पहले बसपा के विधायकों को खरीद-फरोख्त के जरिए ही कांग्रेस में शामिल किया था, जब उनकी शर्म कहां थी. यह पहला वाकया नहीं है. इससे पहले भी गहलोत ऐसा कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि गहलोत जब खुद ऐसी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं तो उन्हें ऐसे बयान देने का कोई हम नहीं है.
सभी राज्यों में कांग्रेस नेतृत्व के प्रति नाराजगी : विजय रुपाणी
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने बुधवार को आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में राजनीतिक संकट के लिए कांग्रेस का नेतृत्व जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि हर राज्य में कांग्रेस नेतृत्व के प्रति नाराजगी है. रूपाणी ने कहा कि गुजरात में भी स्थिति ऐसी है कि कांग्रेस के गुट नेतृत्व परिवर्तन के लिए झगड़ा कर रहे हैं. रुपाणी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के निर्णय का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह तो होना ही था क्योंकि कांग्रेस नेतृत्वविहीन हो चुकी है और वहां वंशवाद की व्यवस्था है.
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रुपाणी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “न केवल मध्य प्रदेश बल्कि प्रत्येक राज्य की कांग्रेस इकाई में लोग अपने नेतृत्व से नाराज हैं.” दूसरी ओर गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बुधवार को कहा कि वे मुख्यमंत्री बनने के लिए 15 विधायकों को लेकर पार्टी से बगावत नहीं करेंगे. उन्होंने कांग्रेस नेताओं और विधायकों को “चेतावनी” देते हुए इस प्रकार के “प्रस्ताव” को ठुकरा दिया और कहा कि कांग्रेस नेता अफवाहें फैलाने का काम न करें. उन्होंने कहा कि वह मरते दम तक भाजपा का साथ नहीं छोड़ेंगे
Source : Bhasha