राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीजेपी दफ्तर में पैरामिलिट्री फोर्स की गाड़ियों में भरकर रुपये पहुंचाए जाने को लेकर राजनितिक बवाल शुरू हो गया है. बीजेपी ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताते हुए ना केवल इसे पैरा मिलेट्री फ़ोर्स के अपमान का आरोप लगाया है. बल्कि सीएम गलोत की सोच पर भी सवाल उठा दिए हैं. खास बात यह रही की गहलोत के इस बयान के विरोध में राजस्थान बीजेपी के तमाम छोटे - बड़े नेता दिनभर बयान देते रहे .
दरअसल अशोक गहलोत ने जयपुर के शहीद स्मारक पर बयान दिया था, जिस पर कांग्रेस कार्यकर्ता भी एक बारगी तो चौंक गए, लेकिन बीजेपी नेताओं को यह बयान इतना नागवार गुजरा की एक के बाद एक कई बीजेपी नेताओं ने दिन भर इसे लेकर अपनी कड़ी आपत्ति जताई. शुरुवात खुद प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया ने की, जिन्होंने इसे पैरा मिलेट्री फ़ोर्स का अपमान बताते हुए ना केवल सीएम से माफ़ी मांगने को कहा बल्कि इस बयान को उनकी मष्तिष्क की असंतुलन हालत का नतीजा अभी करार दे दिया. फिर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने गहलोत पर जमकर हमला बोला.
सतीश पुनिया ने कहा कि सीएम इन दिनों कुर्सी की असुरक्षा से कितना असहज और भयभीत हो चुके हैं इसकी कल्पना नहीं की जा सकती. इतने बड़े राज्य के सीएम इस कदर पैरा मिलेट्री फ़ोर्स का अपमान करेंगे. इसके लिए उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए. पैरा मिलेट्री फ़ोर्स देश की आतंरिक और बाहरी सुरक्षा के जुटे हैं. इस तरह की ओछी टिप्पणियाँ सही नहीं है. क्या यह संभव है, की किसी भी सरकार में पैरा मिलेट्री फ़ोर्स अपनी गाड़ियों में इस तरह से पार्टी दफ्तर में रूपये पहुंचा सकते हैं. वे मानसिक रूप से विचलित है क्योंकि कांग्रेस पार्टी देश के नक़्शे से धीरे धीरे गायब हो रही है. उनको आशंका है की राजस्थान में भी उसका यही हश्र होगा जिसे वह रोक भी नहीं पाएगे. वे तनाव ग्रस्त हैं और उनके मस्तिष्क में असंतुलन है. उन्होंने पैरा-मिलेट्री फ़ोर्स का अपना किया है जिसके लिए उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए.
बीजेपी से राज्यसभा के नव निर्वाचित सांसद घनश्याम तिवाड़ी और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राम लाल शर्मा ने भी इसे सशत्र सेनाओं का अपमान बताया. उन्होंने कहा कि सीएम का यह बयान बेतुका और घबराहट भरा बौखलाहट से बहरे डरे हुए व्यक्ति का बयान है. यह भारत की सशत्र सेनाओं की
प्रतिष्ठा को गिराने वाला यह बयान किसी भी सीएम की ओर से आया गैर जिम्मेदाराना बयान है. बीजेपी के दफ्तर के जहाँ तक रूपये पहुंचाने की बात है, वे इसलिए आरोप लगा रहे हैं ताकि ईडी के हाथों से अपने नेताओं को बचा सके. सीएम को इस बयान को
वापस लेकर सशत्र सेना और से देश माफ़ी मांगी चाहिए. सीएम हमेशा ही से आधारहीन बयानबाज़ी करते हैं. अब यह कहना की पैसा बीजेपी के दफ्तर ले जाया जाता है. यदि उनके पास कोई सबूत है तो वे जाँच करवाए. मिथ्या आरोप लगाकर जनता अको
भ्रमित करने का काम ना करें. चंद दिन बचे हैं की इस तरह से शाशन कर रहे हैं, जनता उन्हें इसका मुंह तोड़ जवाब देगी.
Source : Rohit Mishra