भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने बांसवाड़ा में मीडिया से बातचीत में कहा कि, अब पता चला कि राजस्थान की सरकार कमजोर क्यों है, इस बात को खुद मुख्यमंत्री स्वीकार करते हैं और हम तो यह पहले से कहते रहे हैं कि जब किसी पार्टी में अंर्तकलह, अंर्तविरोध होता है, तो उसका रिफ्लेक्शन गवर्नेंस पर होता है. कांग्रेस पार्टी का आलाकमान आज तक तय नहीं कर पाया, बड़ी विचित्र सी बात है कि मुख्यमंत्री स्वीकार कर रहे हैं कि उनका इस्तीफा सोनिया गांधी के पास पड़ा है तो मुझे लगता है कि प्रदेश में जिस तरीके से किसानों और नौजवानों के साथ कांग्रेस ने वादाखिलाफी थी, धोखा किया 2018 में, कांग्रेस की सरकार आई और मुझे लगता है कि राजस्थान की जनता समझ चुकी है, 2023 में जनता कांग्रेस को विदा करके हर वादाखिलाफी का मुंहतोड़ जवाब देगी.
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2018 में जो परिणाम आए वो तो वैसे ही हैं जैसे काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती, लेकिन मेरी सोनिया गांधी से अपील है कि हमें बख्शो, राजस्थान को बख्शो, किसानों की कर्जामाफी, बेरोजगारों के साथ छलावा, दलितों-वंचितों के साथ उत्पीड़न, महिलाओं बच्चियों के साथ दुष्कर्म-गैंगरेप, कैसी लचर व्यवस्था है और इसी कारण यदि अशोक गहलोत की कुर्सी बची हुई है तो सोनिया गांधी जी राजस्थान पर कृपा करो यदि उनका इस्तीफा पड़ा तो उसको स्वीकार करो.