राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने जयपुर में शनिवार को कहा कि पार्टी बदलना संसदीय लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है, इस प्रवृत्ति को रोका जाना चाहिए. संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका के बाबत चर्चा के लिए आयोजित एक कार्यशाला में गहलोत ने कहा, 'अगर कोई निर्वाचित जनप्रतिनिधि पार्टी बदल लेता है तो उसकी सदस्यता खत्म कर दी जानी चाहिए.' सन् 1985 में जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, 52वां संशोधन कर दलबदल विरोधी कानून लाया गया था और संविधान की 10वीं अनुसूची में इसे जोड़ा गया था. लंबे अरसे तक पार्टी बदलने की घटनाएं थम गई थी.
भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग में पारदर्शिता पर जोर देते हुए गहलोत ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को जो धन प्राप्त होता है, वह 'कालेधन के रूप में' आता है. कांग्रेस नेता ने कहा कि देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए पार्टियों को दान लेने में पारदर्शी तरीका अपनाना चाहिए.
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बता दें, इससे पहले देश की राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा (Delhi Riots) पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने चिंता जताते हुए केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था. सीएम गहलोत ने हिंसा की निंदा करते हुए एक ओर जहां इसे दिल्ली चुनावों में ध्रुवीकरण का परिणाम बताया तो वहीं दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा साबरमती आश्रम की विजिटर बुक में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नाम लिखे जाने पर भी सवाल उठाए.
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दिल्ली हिंसा पर ट्रंप क्यों रहे खामोश
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा पर सवाल खड़े किए. गहलोत ने कहा कि एक तरफ दिल्ली में हिंसा हो रही है ऐसे में भी ट्रंप भारत आए. उन्हें सबकुछ पता था कि भारत में लोग हिंसा में मारे जा रहे हैं. लेकिन उन्होंने इस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. गहलोत ने सवाल उठाया कि क्या ट्रंप के सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें जानकारी नहीं दी कि दिल्ली जल रही है.