राजस्थान का सियासी संकट धीरे-धीरे गहराता जा रहा है. कांग्रेस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया है. इसी के साथ 2 और नेताओं को भी मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोता का बयान सामने आया है. पायलट को बर्खास्त किए जाने के बाद उन्होंने कहा, 20 लोगों से पार्टी नहीं टूटती. 122 लोग हमारे साथ हैं. वहीं डिप्टी सीएम पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट का बयान भी सामने आ गया है जिसमें उन्होंने कहा है कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं.
वहीं दूसरी तरफ सचिन पायलट के खिलाफ हुई इस कार्रवाई के बाद पायलट खेमे के समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं और इसका कड़ा विरोध जता रहे हैं. सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त कर दिए जाने के बाद सचिन पायलट के समर्थकों में आक्रोश व्याप्त हो गया है और आज दौसा कलेक्ट्रेट के बाहर करीब 8 से 10 पायलट समर्थक धरने पर बैठ गए. युवा कांग्रेस के यह पदाधिकारी सचिन पायलट पर हुई कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं. इन यूथ कांग्रेसियों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा जो कार्रवाई की गई है वह पूर्णतया गलत है और इसके लिए इसके विरोध में सड़कों पर उतरेंगे और कांग्रेस के खिलाफ विरोध करेंगे.
इसी के साथ राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) औऱ डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) की नाक की लड़ाई का पहला राउंड गहलोत के पक्ष में रहा. सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट के अड़ जाने और कांग्रेस आलकमान के बार-बार मनुहार के बाद ही साफ हो गया था कि अब राजस्थान कांग्रेस (Congress) में दो फाड़ तय है. इसी की पहले चरण में कांग्रेस विधायक दल में कई बार बुलाए जाने के बावजूद शामिल नहीं होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत बागी हो चुके सचिन पायलट से डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कमान छीन (Sacked) ली गई. इसके साथ ही अशोक गहलोत सरकार के तीन मंत्रियों का भी पत्ता साफ हो गया है. ये सचिन पायलट समर्थक माने जाते हैं.
Source : News Nation Bureau