राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दंगा या हिंसा के आरोपियों के घरों पर बुलडोजर से ढहाने को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि, जैसे करौली में दंगा हुआ. पकड़े गए लोग भी निर्दोष हो सकते हैं. मध्य प्रदेश में भी पकड़े गए लोग (झगड़े के लिए) निर्दोष हो सकते हैं. निर्दोष हो या दोषी, उन्होंने (cm शिवराज सिंह चौहान) लोगों का घर उजाड़ने के लिए यह कदम उठाया है. क्या किसी का घर गिराने एक साहसिक कदम है? करौली में हुई हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि आज जो कुछ भी हो रहा है उससे कुछ लोग खुश हो सकते हैं. आने वाला वक़्त उनके लिए भी अच्छा नहीं होगा. उनके लिए भी खतरनाक होगा. जो हालात देश के अंदर है, वह तनावपूर्ण है. प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्र के नाम संदेश जारी करें.
#WATCH Like riot happened in Karauli...those caught could be innocent too...Even in MP, those caught(for clashes)could be innocent.Whether innocent or guilty, they've taken this step to raze people's house. Is this a bold step to demolish someone's house:Rajasthan CM Ashok Gehlot pic.twitter.com/8A3GwMXPJB
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 15, 2022
इससे पहले गुरुवार को भी रामनवी के दिन देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई हिंसा के बाद बीजेपी शासित राज्यों में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई में उनके घर गिराए जाने को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि प्रशासन के चाक-चौबंद के बाद भी रामनवमी पर देश भर में कई जगह दंगे हो गए. दंगे के बाद अब लोगों के घर तोड़े जा रहे हैं. यह अधिकार किसने दिया कि किसी के घर को तोड़ा जाए.