राजस्थान (Rajasthan) में भारतीय जनता पार्टी पर उनकी सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचने और विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अपनी पार्टी के अंदर की आंतरिक कलह का थाम नहीं पा रहे हैं. सूत्रों के हवाले की खबर सामने आई है कि अशोक गहलोत के खिलाफ फिर से कुछ विधायक लामबंद हो गए हैं. सूत्रों का कहना है कि विरोधी खेमे के 15 से 20 विधायक मुख्यमंत्री के विरोध में एकजुट हुए हैं.
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सूत्रों के अनुसार, निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को भी साथ लेने की कवायद हो रही है. अब तक निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को सरकार में जगह नहीं मिल सकी है. कांग्रेस आलाकमान को हालांकि गहलोत ने मंत्रिमंडल विस्तार के लिए सूची भेज रखी है. लेकिन आलाकमान गुटबाज़ी बढ़ने और बगावत के डर से कोई निर्णय नहीं ले सका है.
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ऐसे में मंत्री पद या राजनीतिक नियुक्ति नहीं मिलने से कई समर्थक विधायक नाराज़ होने लगे हैं. सूत्रों का कहना है कि जिनकी नाराज़गी को गहलोत विरोधी खेमा भुनाने में फिर से जुटा है. सूत्रों के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह राजस्थान में भी बगावत के प्रयास हो रहे है.
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उल्लेखनीय है कि राजस्थान विधानसभा में इस वक्त कुल 200 विधायक हैं, जिनमें से कांग्रेस के विधायकों की संख्या 107 है. राज्य के 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस को है. जबकि भारतीय जनता पार्टी के पास 72 विधायक हैं. हालांकि कांग्रेस अक्सर आरोप लगाती रही है कि बीजेपी उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है और विधायकों को 15-20 करोड़ रुपये का लालच दिया जा रहा है.
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