राज्यसभा चुनाव से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने एक बार फिर विपक्षी दल बीजेपी पर विधायकों का खरीद-फरोख्त की कोशिश करने का आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) दो महीने पहले हो सकते थे, तैयारी हो गई थी. उसके बावजूद अचानक चुनाव को बिना कारण के स्थगित कर दिया गया, क्योंकि बीजेपी (BJP) की होर्स ट्रेडिंग पूरी नहीं हुई थी.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए अशोक गहलोत ने कहा, 'मोदी जी कहते हैं कि कांग्रेस मुक्त भारत बनाएंगे, लेकिन भारत कांग्रेस मुक्त कभी नहीं होगा.' उन्होंने कहा कि देश के रग-रग में कांग्रेस है और देश के DNA में है. लेकिन मोदी जी, उनकी सरकार और उनकी पार्टी वो नेस्तनाबूद कब हो जाए तो आश्चर्य नहीं करना चाहिए, क्योंकि जनता उनके कारनामों को देख चुकी है.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, 'उनको (बीजेपी) चिंता ही नहीं थी कोरोना की. राहुल गांधी ने 12 फरवरी को आगाह कर दिया था. उसके बावजूद भी मध्य प्रदेश में सरकार बदली गई. उसके पहले ये कर्नाटक में तमाशा कर चुकेथे. जो षड्यंत्र करते हैं, उनको बहुत टाइम लगाना पड़ता है, योजना बनानी पड़ती है.' उन्होंने दावा किया कि राजस्थान में कांग्रेस एकत्रित हैंं. कांग्रेस विधायकों का एक भी वोट राज्यसभा चुनाव में किसी और को नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव में हमारे दो उम्मीदवार विजयी होंगे. चुनाव में सीपीआई-एम के दो विधायक भी हमारा समर्थन करेंगे.
गौरतलब है कि राज्यसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को पार्टी के अंदर टूट का डरा सता रहा है. कांग्रेस अपने विधायकों की क्रॉस वोटिंग और उनके पार्टी बीजेपी की झुकाव को लेकर चिंतित है. हालांकि विधायकों को बीजेपी द्वारा अपने पाले में करने के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और लगभग 100 कांग्रेसी एवं निर्दलीय विधायकों ने जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित एक रिजॉर्ट में रात बिताई.
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बता दें कि राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव 19 जून को होगा, जिसके लिए कांग्रेस ने के सी वेणुगोपाल ओर नीरज डांगी को प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं बीजेपी ने शुरुआत में राजेन्द्र गहलोत को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन पार्टी ने नामांकन के अंतिम दिन ओंकार सिंह लखावत को दूसरे प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतार कर सबको चौंका दिया था.
200 सीटों की विधानसभा में कांग्रेस के पास पिछले साल बसपा पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों सहित 107 विधायक हैं. पार्टी को राज्य में 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जबकि बीजेपी के पास 72 विधायकों के साथ ही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायकों का समर्थन प्राप्त है. कांग्रेस के पास अपने दोनों उम्मीदवारों को जिताने के लिये पर्याप्त बहुमत है.
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