Congo Fever In Rajasthan: राजस्थान में इन दिनों एक रहस्यमय बुखार से लोगों में दहशत का माहौल है. करीब 5 साल बाद प्रदेश में कांगो बुखार की एंट्री हुई है. इसकी पुष्टि खुद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने की है. साथ ही बीमारी की रोकथाम एवं बचाव को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. इस बुखार की चपेट में आने से जोधपुरी की 51 वर्षीय महिला की मौत हो गई. इसकी जांच पुणे के नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी में की गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आया. बुधवार को ही महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई.
कांगो बुखार से मौत
राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो चुके हैं. जोधपुर सीएमचओ ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि संदिग्ध लक्षण वाले मरीजों की पहचान कर उन्हें आइसोलेशन में रखा जाए. इसे लेकर चिकित्सा विभाग ने सभी प्राइवेट संस्थानों में सूचना भी भेज दी है.
कैसे फैलता है कांगो बुखार-
कांगो बुखार का पूरा नाम राइमियन कांगो हेमोरेजिक फीवर है. यह बुखार इंसानों में जानवर से फैलता है. छोटे कीड़ों के या टिक बाइट से यह फैलता है. जैसे ही कीड़ा काटता है, उसका वायरस हमारे खून में मिल जाता है और व्यक्ति संक्रमित हो जाता है. जिसके बाद मरीज को तेज बुखार आ सकता है.
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कांगो बुखार के लक्षण-
कांगो बुखार से संक्रमित लोगों को बदन दर्द, पेट दर्द, उल्टी, आंखों में जलन, मांसपेशियों में दर्द, जी मिचलाना, कमर दर्ज जैसे लक्षण देखे जाते हैं. इस वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड 3-7 दिनों का होता है. वहीं, मरीज सिर्फ 2-4 दिन में ही डिप्रेशन में चले जाते हैं. अगर समय रहते मरीज को एंटीवायरल ट्रीटमेंट नहीं मिले तो उसकी मौत हो सकती है.
10 साल पहले जोधपुर में हुई थी कांगो की दस्तक
2014 में पहली बार जोधपुर में ही कांगो बुखार का मामला सामने आया था. जोधपुर के ही एक निजी अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ कांगो बुखार की शिकार हो गई थी. जिसके बाद 2019 में भी कांगो बुखार के लक्षण तीन बच्चों में दिखा था. वहीं, एक बार फिर से कांगो बुखार ने जोधपुर में दस्तक दी है.