राजस्थान समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. सभी राजनीतिक दलों की तैयारियां जोरों पर है. राजस्थान में भी सरकार की ओर से लगातार विकास कार्यों का लोकार्पण और उद्घाटन किया जा रहा है. वहीं, विपक्षी दलों की ओर से सत्ता पक्ष यानी कांग्रेस पर लगातार हमले किए जा रहे हैं. हालांकि, कांग्रेस ने राज्य में इस बार चुनाव अलग अंदाज में लड़ने का प्लान तैयार किया है. कांग्रेस पार्टी ने इस बार के चुनाव में मौजूदा कई विधायकों को टिकट काटने का फैसला किया है. कांग्रेस पार्टी में अभी से हड़कंप मचने लगा है.
दरअसल इस बार राजस्थान में एंटी इनकंबेंसी लहर नहीं है. फिर भी हालात अलग है. कांग्रेस पार्टी की इंटरनल सर्वे से पता चलता है कि सरकार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है, लेकिन जनता कई विधायकों से नाराज चल रही है. यही वजह है कि मिशन रिपीट का लक्ष्य लेकर चल रही कांग्रेस इस बार टिकट बंटवारे में कोई रियायत देने के मूड में नहीं दिख रही है. कुछ विधायकों और मंत्रियों के टिकट काटने का ब्लूप्रिंट तैयार हो चुका है. ये वो मंत्री और विधायक हैं जिनसे जनता खुश नहीं है. सर्वे में यह भी खुलासा हुआ है कि विधायकों ने अपने क्षेत्रों में उतना समय नहीं दिया जितना उन्हें देना चाहिए.
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80 सीटों की रिपोर्ट निगेटिव आई
हालांकि, गहलोत सरकार की योजनाओं के आधार पर कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इस बार कोई एंटी इनकंबेंसी नहीं है. इसलिए इस बार जीत का फॉर्मूला है उम्मीदवार बदलो और चुनाव जीतो. आंतरिक सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. विधानसभा सीट के हिसाब से अब तक हुए छह सर्वे में 80 सीटों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. ऐसे में संबंधित मंत्रियों और विधायकों के क्षेत्रों में पार्टी चेहरे बदलने पर विचार कर रही है. इसमें से करीब 33 सीटों पर चेहरे बदलने की योजना भी बन गई है. कांग्रेस हाईकमान ने सीट बदलने की मंजूरी दे दी है. इनमें दो कैबिनेट मंत्री, दो राज्य मंत्री, 22 विधायक और 7 पूर्व उम्मीदवार शामिल हैं.
Source : News Nation Bureau