राजस्थान में दो सप्ताह से चल रहा गुर्जर आंदोलन खत्म हो गया है. आरक्षण की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बीच सहमति बन गई है. अशोक गहलोत और कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बीच बुधवार को हुई वार्ता में सहमति बनी. मुख्यमंत्री निवास पर हुई बैठक में आरक्षण को लेकर तमाम मुद्दे सुलझा लिए गए.
दो सप्ताह से आंदोलनकारी रेल की पटरियों पर डटे थे. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए रेल से लेकर सड़क तक चक्का जाम करने की चेतावनी दी थी. हालांकि बाद में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा कर लेती है तो अपना आंदोलन वापस ले लेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार की दोहरी नीति से करीब 35 हजार गुर्जरों को नौकरी नहीं मिल पा रही है.
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आठ सूत्रीय बिंदुओं पर बनी सहमति
गुर्जर आरक्षण को लेकर बनी सब कमेटी और गुर्जर संघर्ष समिति के बीच हुई बैठक में आठ सूत्रीय बिंदुओं पर सहमति बनी है. पिछले दो सप्ताह से जारी आंदोलन में पहले आंदोलनकारियों ने सरकार से वार्ता करने से इनकार कर दिया था. बाद में दोनों के बीच बातचीत को लेकर सहमति बनी. बुधवार को गुर्जर समाज का प्रतिनिधिमंडल जयपुर पहुंचा. राज्य सरकार ने समझौता पत्र भी तैयार कर लिया था.
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इन मांगों पर बनी सहमति
आरक्षण को लेकर सरकार और समिति के बीच कई मुद्दों पर सहमति बन गई है. इनमें पांच मांगों पर गुर्जर समाज ने सहमति दी. मारे गए 3 आंदोलनकारी के परिजनों को सरकारी नौकरी मिलेगी, आंदोलन में लगे मुकदमों को सरकार वापस लेगी, नवी अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र को पत्र लिखेगी गहलोत सरकार. इसके अलावा देवनारायण योजना के क्रियान्वयन पर सहमति दी. एमबीसी वर्ग के 1252 अभ्यर्थियों को नियमित वेतन श्रृंखला के समकक्ष समस्त परिलाभ दिए जाएगा. बता दें कि राजस्थान में आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समुदाय का आंदोलन पिछले कई दिन से लगातार जारी था.
Source : News Nation Bureau