राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस (Coronavirus Covid-19) संक्रमण के बाद उपजे हालात में राज्य सरकार स्वास्थ्य के साथ आर्थिक मोर्चे पर भी लड़ाई लड़ रही है. उन्होंने कहा, 'पूरे देश में आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हैं और लोगों के पास रोजगार नहीं है. लॉकडाउन के कारण केन्द्र व राज्यों को मिलने वाले राजस्व में भारी कमी आई है. अर्थव्यवस्था पर गंभीर कुप्रभाव पड़ा है और उद्योगों को भी काफी नुकसान हुआ है. ऐसे में राज्य सरकार स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक मोर्चे पर भी लड़ाई लड़ रही है.' गहलोत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मीडिया प्रतिनिधियों से बात की.
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उन्होंने कहा कि एफसीआई के गोदाम गेहूं से भरे हुए हैं ऐसे में केन्द्र सरकार को चाहिए कि ऐसे सभी लोगों को जिन्हें जरूरत है उन्हें गेहूं उपलब्ध कराये चाहे उनके पास राशन कार्ड हो अथवा नहीं हो, इसके अलावा जो लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कवर नहीं भी हैं उन्हें भी गेहूं उपलब्ध कराया जाये ताकि किसी को भी भूखा नहीं सोना पड़े.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक हालात सुधारने के लिए मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केन्द्र व राज्यों को मिलकर काम करना होगा, लॉकडाउन खोलने की प्रक्रिया भी चरणबद्ध तरीके से लागू करनी होगी ताकि आर्थिक गतिविधियों के संचालन के साथ ही संक्रमण का प्रसार रोकने में अभी तक जो सफलता मिली है उसे बरकरार रखा जा सके.
उन्होंने कहा कि उन कोरोना वारियर्स के साथ दुर्व्यवहार निंदनीय है जो अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि टोंक में हुई घटना पर सख्त कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. पूरे प्रदेश में ऐसे प्रकरणों में 191 लोग गिरफ्तार किए गए हैं.