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कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान गरीबों का पेट भर रहा है ये संस्थान

दिव्यांग लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और उनके समावेशी कल्याण की दिशा में काम में जुटा धर्मार्थ संगठन-नारायण सेवा संस्थान (एनएसएस) कोविड- 19 (Covid-19) महामारी से उपजे हालात के बीच भी जरूरतमंद लोगों की सहायता का लगातार प्रयास कर रहा है.

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Vineeta Mandal
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corona virus( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

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दिव्यांग लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और उनके समावेशी कल्याण की दिशा में काम में जुटा धर्मार्थ संगठन-नारायण सेवा संस्थान (एनएसएस) कोविड- 19 (Covid-19) महामारी से उपजे हालात के बीच भी जरूरतमंद लोगों की सहायता का लगातार प्रयास कर रहा है. संस्थान ने देशव्यापी लॉकडाउन के बीच वंचितों को भोजन प्रदान करके उनके जीवन को बचाने का काम किया है. एनजीओ की कोरोना रिलीफ सेवा विंग पूरे शहर में प्रति दिन भोजन के 2000 पैकेट वितरित कर रही है. शहर में ऑटो रिक्शा चालक, प्रवासी, स्थानीय निवासी, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों और श्रमिकों को एनएसएस की कोरोना रिलीफ सेवा से जुड़े करीब 50 स्वयंसेवक नियमित रूप से भोजन के पैकेट बांट रहे हैं.

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21 दिन के लॉकडाउन (Corona Virus Lockdown) की घोषणा के बाद अब तक 31500 से अधिक भोजन पैकेट वितरित किए जा चुके हैं. साथ ही दिव्यांग लोगांे ने 9500 मास्क भी तैयार किए, जिन्होंने लोगों को बांटा गया है. कोरोनावायरस के किसी भी संभावित संक्रमण से बचने के लिए संस्थान की टीम सेनिटाइजेशन के साथ-साथ स्वच्छता संबंधी प्रक्रियाओं का पालन कर रही है और भोजन पकाने की प्रक्रियाओं में भी इस बात का ध्यान रखा जा रहा है.

नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा, 'निस्संदेह लॉकडाउन को लागू करना कोविड -19 (Covid-19) के प्रसार को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण और बहुत आवश्यक कदम है. अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ सरकार द्वारा सुझाए गए अन्य उपायों की पालना भी करें, ताकि हम इस संकट से जल्द से जल्द बाहर निकल सकें. राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और महामारी की रोकथाम के लिए उन्होंने कई प्रभावी सुधारों को लागू किया है. हमने अपनी ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष में 2 लाख रुपए का योगदान भी किया है.'

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नारायण सेवा संस्थान जरूरतमंदों का मुफ्त इलाज करने के साथ-साथ इस लॉकडाउन के दौरान उनकी आर्थिक मदद भी कर रहा है. कुछ दिनों पहले, कल्पना और उनकी बालिका को चिकित्सा खर्च के लिए 1.80 लाख रुपए की तत्काल वित्तीय सहायता की आवश्यकता पड़ी और संस्थान ने तत्काल इस राशि का भुगतान अस्पताल को किया.

मौजूदा मुश्किल हालात में नारायण सेवा संस्थान लगातार उन लोगों की मदद कर रहा है, जो लॉकडाउन के कारण अपना जीवन यापन नहीं कर पा रहे और जो सरकारी आश्रय घरों में रह रहे हैं. एनजीओ ने 24 मार्च को कोरोना रिलीफ सेवा अभियान की शुरूआत की, ताकि उन लोगों की मदद की जा सके जिन्हें इन कठिन समय में हमारी सहायता की जरूरत है. संस्थान द्वारा की जाने वाली प्रमुख पहलों में शामिल हैं- भोजन और खाने-पीने के सामान की निशुल्क सप्लाई, दिव्यांग लोगों द्वारा निर्मित मास्क का वितरण और घनी आबादी वाले इलाकों को सेनिटाइज करना. इसके अलावा, 450 परिवारों को प्रतिदिन राशन सामग्री का वितरण किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संकट के इस दौर में कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति भूखा न सोने पाए.

Source : IANS

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