राजस्थान में कोरोना वायरस लगातार बढ़ता जा रहा है इसी बीच यहां सबसे अधिक लापरवाहीकी तस्वीरें देखने को मिल रही है. खाद्य वितरण में लॉक डाउन और कर्फ्यू के कारण लाखों लोगों को जरूरी सामान की दिक्कत हो रही है. इसके लिए खाद्य विभागों ने राशन पहुंचाने का इंतजाम किया लेकिन इसे लेन के लिए राशन वितरण केंद्रों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी. जिसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती हुई दिखीं इसके अलावा यहां कालाबाजारी का मामला भी देखने को मिल रहा है. कुछ डिलर्स लॉकडाउन से समय काला बाजारी कर के अपना घर भरने में जुटे हुए है.
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कोरोना वायरस संक्रमण को विश्वव्यापी महामारी घोषित करने के बाद 14 अप्रैल तक लॉकडाउन करना पड़ा. इस स्थिति में गरीबों और जरूरतमंदों को राहत देने के लिए राशन दुकानों पर पोस मशीन की अनिवार्यता हटाकर निशुल्क गेहूं देने की घोषणा में बिना ओटीपी लिए राशन डीलर गरीबों के हक का गेहूं डकार रहे हैं.
इस मामले पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि प्रदेश में जिन राशन डीलरों द्वारा 70 प्रतिशत से ज्यादा गेहूं का उठाव बिना ओटीपी के किया गया है, उनके विरूद्ध जांच कर कार्यवाही की जाएगी. जिन राशन डीलरों द्वारा दूसरे जिले के राशन कार्ड से गेहूं अनियमित रूप से उठाया गया है, उसकी जांच करवाकर राशन डीलर के विरूद्ध निश्चित तौर पर सख्त कार्रवाई होगी.
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इसके अलावा मंत्री ने ये भी कहा कि एनएफएसए के लाभार्थियों को लॉकडाउन अवधि के दौरान उचित मूल्य दुकानदारों द्वारा गेहूं का वितरण किया है या नहीं, इसकी जानकारी के लिए जिला रसद अधिकारियों को फोन कर लाभार्थियों से पूछकर सुनिश्चित करना है कि राशन मिला है या नहीं. उन्होंने निर्देश दिये कि जिन राशन डीलरों द्वारा गबन किया गया है, उनके विरूद्ध एफआईआर हर हालत में दर्ज करवाएं.
उन्होंने ये भी कहा कि सरकार भी सख्त कार्रवाई कर रही है और लॉक डाउन के दौरान लापरवाही बरतने वाले दौसा,बांसवाडा डीएसओ को निलंबित कर दिया है. वहीं अजमेर,भरतपुर,अलवर डीएसओ को नोटिस थमाया गया है. इसके अलावा 9 राशन डीलरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है.
Source : News Nation Bureau