मौत का वायरस यानि कोरोना वायरस (Coronavirus) चीन में तांडव करता हुआ अब भारत मे पैर पसार रहा है. पर्यटन नगरी जयपुर में कोरोना वायरस अब दहशत के साथ ही अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है. कोरोना वायरस की दहशत अब उद्योगों पर भारी पड़ रही है, ज्वैलरी उद्योग से लेकर पैक्स फूड इंडस्ट्री और पर्यटन उद्योग पर कोरोना की मार पड़ रही है. एक और चीन से आने वाले सैलानियों की बुकिंग लगातार रद्द हो रही है वहीं चीन से आने वाले पैक्ड फूड में कटौती का असर बाजार पर पड़ रहा है. होंगकोंग में अगले महीने होने वाले ज्लैलरी शो से जौहरियों ने हाथ पीछे कर लिए है,जिससे जौहरियों को करोड़ों का नुकसान हो रहा है.
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जयपुर के जंतर मतंर पर सैलानियों की भीड़ तो है लेकिन उतनी नहीं जितनी अमूमन पर्यटन सीजन के इस महीने में रहती है. यही हाल अल्बर्ट हाल,नाहरगढ़, जयगढ़, सहित तमाम पर्यटक स्थलों के हाल हैं. चीन के सैलानियों के ट्यूर कैसिंल होने के बाद अब पर्यटक स्थल पर चीन के सैलानी नजर नहीं आ रहे हैं. कुछ सैलानी कोरोना के डर से मास्क लगा रहे हैं लेकिन पश्चिम देशो से आ रहे सैलानियों को भारत अब भी कोरोाना से सुरक्षित नजर आ रहा है, हालांकि सावधानी बरती जा रही है.
ट्यूर ऑपरेटर से लेकर होटल व्यवसाई और गाईड सब चाईना के पर्यटकों से दूरी बना रहे हैं इसलिए अधिकतर ऑपरेटर चीन से आने वाले पर्यटकों की बुकिंग रद्द कर रहे
हैं. गाईड पर्यटक स्थलों पर सैलानिय़ों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि चीन के वायरस का असर भारत में नहीं है.
पर्यटन से भी ज्यादा कोरोना का ज्वैलरी उद्योग पर भारी असर हुआ है. मार्च के पहले सप्ताह में हांगकांग ट्रेड डवलपमेंट काउंसिंल का हांगकोंग में ज्वैलरी शो है. इस शो के लिए राजस्थान के 150 ज्वैलर्स भाग लेने वाले है, इसके लिए उन्होंने होटल, हवाई जहाज का टिकट और स्टॉल तक बुक करवा लिए है. लेकिन कोरोनावायरस के डर से
जौहरी अब वहां जाना नहीं चाहते हैं.
इसी तरह से चीन में जौहरी अपने ऑफिस छोड़कर भारत आ रहे हैं. बता दें कि चीन और हांगकांग में भारत के जौहरियों के 500 आफिस है, जिनमें तीस फीसदी अकेले राजस्थान के जौहरियों के. बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस की वजह से जौहरियों को करीब 300 करोड़ का नुकसान हो रहा है.
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गौरतलब है कि चीन और होंगकोंग से जयपुर भारी मात्रा में पैक्ड फूड आता है. इसमें नूडल्स, मशरुम, फ्रोजन मटर, नॉनवेज और चाईनीज फास्ट फूड. वायरस की दहशत के बाद
संक्रमण के डर से अब व्यापारियों ने पैक्ड फूड में कटौती कर दी. राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ का मानना है कि इससे करीब 350 करोड़ का नुकसान हो सकता
है. साफ तौर पर नुकसान का आंकड़ा करीब 700 करोड़ तक पहुंच रहा है.