एक तरफ जहां सरकार दिव्यागों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजानाएं बना रही है वहीं दूसरी तरफ कुछ एनजीओ जमीमी स्तर पर उनके लिए काम कर उनका भविष्य संवार रहे हैं. इसी क्रम में चैरिटेबल ऑर्गनाइजेशन नारायण सेवा संस्थान (एनएसएस) ने एक अनूठी पहल के तहत राजस्थान के उदयपुर में 'वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी' (WOH) केंद्र स्थापित करने का ऐलान किया है.
'वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी' एक ऐसे मकसद को ध्यान में रखते हुए लॉन्च किया जा रहा है, जहां सभी के लिए एक स्वीकार्य समाज बनाने की पहल की जाएगी और जहां विभिन्न समस्याओं से जूझने वाले लोग निशुल्क लाभ प्राप्त कर सकते हैं और मुख्यधारा के समाज का हिस्सा बन सकते हैं. डब्ल्यूएचओ केंद्र लोगों को समाज में बेहतर स्थान बनाने के लिए कौशल प्रशिक्षण के साथ-साथ मुफ्त स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा प्रदान करेगा.
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समाज के वंचित वर्ग के लोगों की तकलीफों से जुड़े आंकड़ों पर अगर हम नजर डालें, तो बड़ी भयावह तस्वीर सामने आती है. जनगणना 2011 के आंकड़े बताते हैं कि देश में दृष्टिबाधित लोगों की संख्या 10,634,881 है, जबकि 1,640,868 लोग ऐसे हैं, जो 'स्पीच डिसेबिलिटी' के शिकार हैं. 1,1,261,722 लोग ऐसे हैं, जिनके पास सुनने की शक्ति नहीं है और 6,105,477 लोग चलने-फिरने में अक्षम हैं.
वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी में मिलेगी ये सुविधाएं
2011 की जनगणना के इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए एक मल्टी-सुपर स्पेशियलिटी 'वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी' केंद्र की घोषणा करना निश्चित तौर पर सभी के लिए एक लाभदायक कदम होगा. ‘वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी’ केंद्र में दिव्यांग लोगों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा.
इनमें सामूहिक विवाह समारोह, नारायण दिव्यांग खेल अकादमी की ओर से गुणवत्ता बढ़ाने के लिए दिव्यांग प्रतिभा मंच, आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास, वर्दी वितरण और दृश्य और श्रवण बाधित लोगों के लिए आवासीय विद्यालय, खाद्य वितरण, किराने का सामान और वस्त्र और कंबल जैसी गतिविधियां शामिल हैं.
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'वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी' सेंटर 3 वर्षों में चालू हो जाएगा, जहां भोजन और कपड़ों के साथ सहायक शिक्षा भी निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही, 450 बेड वाले अस्पताल के साथ नारायण सेवा संस्थान यहां निशुल्क निदान, उपचार, पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल, फार्मेसी और फिजियोथेरेपी की सेवाएं भी प्रदान करेगा. इसके अलावा, 'वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी' सेंटर दिव्यांग लोगों को रोजगार के काबिल बनाने के लिए कला और शिल्प, सिलाई, मोबाइल मरम्मत और मुफ्त बुनियादी शिक्षा जैसे कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रदान किए जाएंगे.
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वहीं दिव्यांगों के लिए काम करने वाली नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रशांत अग्रवाल ने कहा, 'उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, 2022 तक स्वास्थ्य सेवा उद्योग 372 बिलियन डॉलर का हो जाएगा. इधर स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा तेजी से खर्चीले होते जा रहे हैं, ऐसी सूरत में ‘वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी’ केंद्र जैसी कोशिशें ही एकमात्र समाधान हैं, जहां सब कुछ मुफ्त है. यह अधिक से अधिक दिव्यांग लोगों को मुख्यधारा में शामिल करने की कोशिश के तहत उठाया गया एक और महत्वपूर्ण कदम है.'