राजस्थान में इस साल सामान्य से अधिक 40 एमएम बारिश होने से कई जिलों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए है. कोटा, बूंदी,बारां,भीलवाड़ा और पाली में बाढ़ के हालात बने हुए हैं, अब तक भारी बारिश के कारण प्रदेश में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 35 लोगों की मौत हो गई है। प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने गुजरात के गांधीनगर एयरफोर्स स्टेशन को अलर्ट मोड पर रखा है, साथ ही कोटा के कौथून में सेना की मदद से बोट्स के जरिये बाढ़ पीड़ितों को रेसक्यू किया गया है.
प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक डूब क्षेत्र में बांधों का पानी जाने से पहले अलर्ट रहे, इसके लिए गुजरात, एमपी और राजस्थान के सीमावर्ती जिलों के कलक्टरों और सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियरों का वॉट्सअप ग्रुप बनाया गया है. वहीं शुक्रवार को बारां में आपदा प्रबंधन विभाग ने बारिश के पानी में फंसी तीन बसों से 146 लोगों को सकुशल बचा लिया. साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम के लगभग 800 सदस्य पूरे प्रदेश में जहां-जहां बारिश से बाढ़ के हालात पैदा हुए है वहां पर बचाव एवं राहत कार्य में लगे हुए है.
प्रदेश में बारिश के पानी में बहने और डूबने से 19, दीवार या मकान ढहने से 10 और आकाशीय बिजली की वजह से 6 लोगों की मौत हो गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सीकर में 6, जयपुर में 3, भीलवाड़ा में 3, पाली में 1, जोधपुर में 1, बारां में 3, बूंदी में 2, धौलपुर में 1, अजमेर में 4, चित्तौड़गढ़ में 1, नागौर में दो, कोटा में 1, उदयपुर में 3, भरतपुर में 1 और झालावाड़ में 3 लोगों की मौत हुई है. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक मृतकों के आश्रितों को केंद्र सरकार के नियमों के तहत प्रति मृतक व्यक्ति के हिसाब से 4-4 लाख रुपये मुआवजा दिया जा चुका है. साथ ही संभागीय मुख्यालयों को 20-20 लाख रुपये और अन्य जिलों को 10-10 लाख रुपये एडवांस में ही पहले दिये जा चुके है.
Source : अजय शर्मा