राजस्थान के भीलवाड़ा से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. ये खबर सुनने के बाद हर किसी के रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं. दरअसल, अलवर के भीलवाड़ा जिले के कोटपूतली गांव में एक परिवार का सदस्य अपने मृत बेटे का शव नहीं बल्कि उसकी आत्मा लेने पहुंचे थे. शनिवार यानी 4 मई को मरे हुए युवक का परिवार और उसके साथ तांत्रिक की फौज अस्पताल के बाहर पहुंची, अस्पताल संचालित होता देख तांत्रिकों ने कोई तांत्रिक क्रिया नहीं की और जैसे ही अस्पताल में मरीजों व अन्य लोगों की आवाजाही कम हुई तो वे कथित तौर पर दोपहर 2 बजे से 3.30 बजे के बीच तांत्रिक विद्या कर आत्मा को शांत करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिए. इसमें सबसे हैरान करने वाली बात है कि तांत्रिको कोई रोकने वाला नहीं था, वो गेट के सामने आराम से अपने काम को अजाम दे रहे थे.
आत्मा को शांति दिलाने के लिए पहुंचे थे तांत्रिक
आपको बता दें कि युवक की करीब 20 साल पहले बहरोड़ में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. जिसके बाद कुछ तांत्रिकों ने मृत युवक के परिजनों को उसकी आत्मा को शांति देने और उसकी आत्मा से मुक्ति पाने के लिए अस्पताल में तांत्रिक अनुष्ठान करने को कहा. इसे लेकर ही परिवार और तांत्रिक अस्पताल पहुंचे थे. तांत्रिकों की क्रिया को देख हर कोई हैरान था. इस दौरान अस्पताल स्टाफ से लेकर अन्य लोग तमाशबीन बने खड़े रहे और किसी ने भी अस्पताल परिसर में चल रही तांत्रिक क्रिया के बारे में पुलिस से शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटाई.
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पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं
ऐसा नहीं है कि अस्पताल में ऐसा पहली बार हो रहा है. पहले भी जिला अस्पताल परिसर में भूत-प्रेत से मुक्ति और उनकी शांति के नाम पर कई तांत्रिक अनुष्ठान किए जाते रहे हैं. इस घटना के संबंध में जिला अस्पताल प्रभारी सतबीर यादव ने बताया कि मैं शनिवार को छुट्टी पर था और उन्हें अस्पताल परिसर में किसी भी प्रकार की गुप्त गतिविधि होने की जानकारी नहीं दी गई. हमें आने के बाद इस घटना की जानकारी दी गयी. यदि ऐसी कोई घटना हुई है तो सूचना न देने पर ड्यूटी पर तैनात स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
Source : News Nation Bureau