Rajasthan By-Elections: 13 नवंबर को राजस्थान के सात सीटों पर उपचुनाव होने वाला है. इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस में जबरदस्त मुकाबला देखा जा रहा है. वहीं, एक बार फिर से राजस्थान की राजनीति में परिवारवाद हावी होता नजर आ रहा है. एक तरफ बीजेपी ने दो तो कांग्रेस ने तीन ऐसे प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है, जिनका नाम परिवारवाद से जुड़ रहा है. इनके अलावा RLP के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने भी खींवसर सीट से अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल को प्रत्याशी बनाया है.
राजस्थान की राजनीति पर परिवारवाद हावी!
यह पहली बार नहीं है, जब राजस्थान में परिवारवाद को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. इससे पहले भी भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने बेटा-बेटी-बहू और पत्नी पर दांव खेल कर जीत दर्ज की है. कांग्रेस ने सुजानगढ़ सीट से विधायक भंवरलाल मेघवाल के निधन के बाद उनके बेटे मनोज मेघवाल को टिकट दिया है.
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कांग्रेस-भाजपा का दिखा परिवारवाद
वहीं, सहाड़ा सीट से कांग्रेस ने कैलाश त्रिवेदी के निधन के बाद उनकी पत्नी गायत्री देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है. इनके अलावा कांग्रेस ने सरदारशहर सीट से कांग्रेस नेता भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा को टिकट दिया है. वहीं, भाजपा ने राजसंमद सीट से भाजपा नेता किरण माहेश्वरी के निधन के बाद उनकी बेटी दीप्ती माहेश्वरी को चुनावी मैदान में उतारा है.
हनुमान बेनीवाल ने पत्नी को चुनावी मैदान में उतारा
इसके अलावा बीजेपी ने किरोड़ी मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिया है. बीजेपी और कांग्रेस के अलावा आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल ने भी अपनी पत्नी पर दांव खेला है, जबकि खींवसर सीट से बेनीवाल के भाई चुनाव लड़ना चाहते थे. हालांकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा लगातार यह कहते नजर आ चुके हैं कि जो कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर उतरकर पार्टी के लिए काम करेगा, उसे ही उम्मीदवार बनाया जाएगा. बावजूद इसके जब टिकट देने की बात आई तो पार्टी पर परिवारवाद हावी हो गई.