गहलोत सरकार ने तेजी से जनसुनवाई करने का फैसला लेते हुए नई गाइडलाइंस जारी कर सभी डिविजनल कमिश्नर, जिला कलेक्टर और जिलों के पुलिस SP को जनसुनवाई में मिलने वाले मामलों का तुरंत निपटारा करने को कहा है. प्रदेश में बड़े स्तर पर सभी जिलों में जनसुनवाई शिविर लगाए जाएंगे. शिविर प्रभारियों को कहा गया है कि सुनवाई से पहले ही मोबाइल पर SMS या वॉइस कॉल के जरिए आम लोगों को सूचना दी जाए. जिसमें जनसुनवाई की तारीख, जगह और समय की जानकारी बतानी होगी. जनसुनवाई में पहले से दर्ज मामलों की भी सुनवाई की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक अब अगले साल विधानसभा चुनाव आचार संहिता लगने से पहले तक लगातार जनसुनवाई का दौर चलेगा. CM,मंत्री,विधायक समय-समय पर दौरे कर जनसुनवाई कार्यक्रमों का जायजा लेंगे. इससे गवर्नेंस को लेकर ब्यूरोक्रेसी में कसावट आएगी और जनता के अटके काम निपटाए जाएंगे.
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प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में 3 लेवल पर जनसुनवाई और एप्लीकेशंस के निपटारे के निर्देश जारी किए हैं. जन अभियोग निराकारण विभाग के प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता ने सभी डिविजनल कमिश्नर और जिला कलेक्टर्स को लैटर भेजकर वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जनसुनवाई प्रोग्राम चलाने को कहा है. जिसकी मॉनिटरिंग स्टेट लेवल पर VC के माध्यम से की जाएगी. जनसुनवाई में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
सभी डिविजनल कमिश्नर को कहा गया है कि वो अपने-अपने सम्भाग में होने वाली जिला स्तर, उपखण्ड और ग्राम पंचायत स्तर के जनसुनवाई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. साथ ही वे तीनों लेवल के जनसुनवाई में कम से कम एक-एक कार्यक्रम का जरूर इंस्पेक्शन करेंगे. सभी जिला कलक्टर्स, पुलिस एसपी भी जिला स्तर की जनसुनवाई के अलावा 1 ग्राम पंचायत, 1 उपखण्ड स्तर के जनसुनवाई शिविर में शामिल होंगे. जनसुनवाई में आम जनता के बैठने के लिए जरूरत के मुताबिक छाया वाली जगह, पानी की भी पूरी व्यवस्था करनी होगी. सम्पर्क पोर्टल पर पेंडिंग मामलों के शिकायतकर्ताओं को पहले ही सूचना भेजकर शिविर में सॉल्यूशन निकालने को कहा गया है. सम्पर्क पोर्टल पर निपटाए गए जिन केसों में परिवादी असंतुष्ट हैं, उनमें से भी कुछ केस फिर से रिव्यू कर उनकी सुनवाई करनी है.