लोकसभा चुनावो में हार से आहत सीएम अशोक गहलोत के करीबी लालचंद कटारिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में सियासी बवाल थामने का नाम नही ले रहा है. रमेशचन्द्र मीणा और उदयलाल आंजना ये दोनों ही मंत्री सियासी गलियारों में सचिन पायलट गुट के माने जाते हैं. दोनो ही हार की समीक्षा के नाम पर सरकार पर निशाना साध रहे हैं, मंत्री रमेश मीणा हार की जिम्मेदारी तय करने की वकालत कर रहे हैं. वहीं उदयलाल आंजना टिकिट वितरण में खामी बता रहें, कांग्रेस सरकार के मंत्रियों की खेमेबंदी में कूदे मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को राजस्थान में लोकसभा चुनावो में हार कोई बड़ी बात नजर नहीं आ रही है.
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कांग्रेस की कलह अब बढ़ती जा रही है नेता खुलकर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं. जयपुर से चुनाव लड़ी ज्योति खंडेलवाल ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस के नेताओं की भूमिका की जांच की मांग की है.
लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस पार्टी के अंदर कलह शुरू हो गया है. जयपुर लोकसभा प्रत्याशी ज्योति खंडेलवाल ने अपनों के खिलाफ ही खोला मोर्चा खोल दिया है. प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. अर्चना शर्मा और उनके पति सोमेन्द्र शर्मा पर लगाए है.
राजस्थान की सत्ता को लेकर लगातार असमंजस बना हुआ है एक तरफ सचिन पायलट तो वहीं दूसरी तरफ गहलोत अपने अपने गुटों को लेकर हार का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ने की कोशिश में लगे. दिल्ली में भी राहुल गांधी ने अशोक गहलोत को कटघरे में खड़ा कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ गहलोत सरकार के कुछ मंत्री भी दबी जुबान में गहलोत को घेरने की कोशिश में है.
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ऐसे में बीजेपी भला कैसे चुप रह जाती प्रदेश उपाध्यक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा ने कहा है कि राजस्थान की सरकार संकट में है. अब राजस्थान में कुछ भी संभव हो सकता है. आहूजा ने दावा किया है कि कांग्रेस के करीब 25 विधायक नाराज हैं.
अब देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली में बैठे हुए अशोक गहलोत और सचिन पायलट में से राहुल गांधी किस-किस की ताजपोशी कराते हैं और बीजेपी क्या अपने सरकार के सपने को साकार कर पाएगी.
Source : News Nation Bureau